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पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि, प्रशासन की सख्त कार्रवाई

पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। अमृतसर जिले में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, और सैटेलाइट के माध्यम से इन पर नजर रखी जा रही है। जुर्माना और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है और प्रशासन की क्या योजनाएं हैं।
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पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि, प्रशासन की सख्त कार्रवाई

पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी

पंजाब पराली समाचार: पंजाब से पराली जलाने से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर आई है। राज्य में एक बार फिर से पराली जलाने की घटनाएं शुरू हो गई हैं। रविवार तक, कुल 56 मामले सामने आए हैं, जो बड़े-बड़े दावों के विपरीत हैं।


अमृतसर जिले में पराली जलाने के 35 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 24 घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। भू-अभिलेखों में इन मामलों की प्रविष्टि होने पर, किसान अपनी भूमि को बेचने, गिरवी रखने या ऋण लेने में असमर्थ हो जाते हैं।


सैटेलाइट द्वारा पराली पर निगरानी

सैटेलाइट से रखी जा रही पराली पर नजर


पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है। अमृतसर के अलावा, तरनतारन में पांच, बरनाला में दो, बठिंडा में एक और फिरोजपुर, होशियारपुर, जालंधर, संगरूर और मलेरकोटला में एक-एक मामला सामने आया है।


एफआईआर और जुर्माना

13 मामलों में एफआईआर दर्ज


कुल 1,10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 50,000 रुपये वसूल किए जा चुके हैं। पंजाब में सीआरपीसी की धारा 223 के तहत 13 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पीपीसीबी अधिकारियों के अनुसार, घास जलाने की घटनाओं को रोकने और किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए टीमें बनाई जा रही हैं।


घास जलाने के नुकसान

घास जलाने से नुकसान


किसानों को घास जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। आवश्यकतानुसार सख्त कार्रवाई भी की जा रही है। उम्मीद है कि घास जलाने की घटनाएं जल्द ही समाप्त हो जाएंगी। अक्टूबर के आरंभ में पराली जलाने का कार्य शुरू होता है, जबकि नवंबर में यह बड़े पैमाने पर होता है। फिलहाल बारिश के कारण मामले कम हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि अगले एक से दो हफ्तों में पराली जलाने के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।