बृहस्पति ग्रह की पूजा: ज्ञान, धन और संतान की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण स्थल

बृहस्पति ग्रह का महत्व
नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है। यह ग्रह ज्ञान, संवाद, धन, स्वास्थ्य और प्रतिष्ठा का प्रतीक है। शास्त्रों में उल्लेख है कि देवताओं ने भी भगवान बृहस्पति से ज्ञान प्राप्त किया था।
गुरु ग्रह का प्रभाव
गुरु को शिक्षा का कारक माना जाता है। कुंडली में मजबूत बृहस्पति व्यक्ति को धन और बुद्धि प्रदान करता है, जिससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विकास होता है। शुभ मंगल जहां अच्छे जीवन साथी का संकेत देता है, वहीं शुभ बृहस्पति विवाह को स्थिर रखने में सहायक होता है। हालांकि, कभी-कभी यह नीच ग्रहों के प्रभाव से प्रतिकूल भी हो सकता है।
गुरु ग्रह की राशियाँ
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, गुरु ग्रह धनु और मीन राशि का स्वामी है, जबकि मकर इसकी नीच राशि मानी जाती है। यदि किसी की कुंडली में गुरु का शनि या केतु के साथ संबंध हो, तो यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
गुरु को मजबूत करने के उपाय
जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, उन्हें शक्कर, केला, पीले वस्त्र, केसर, नमक, हल्दी, और पीले फूलों का दान करना चाहिए। रक्त दान करने से भी गुरु ग्रह का शुभ प्रभाव बढ़ता है। गुरुवार को केले की जड़ की पूजा और भगवान विष्णु की आराधना करना भी लाभकारी है। इस दिन उपवास रखना और पीला भोजन करना अच्छा माना जाता है।
विशेष मंदिरों का महत्व
वाराणसी में गुरु बृहस्पति का एक प्राचीन मंदिर है, जहां श्रद्धालु दूर-दूर से पूजा करने आते हैं। उत्तराखंड के नैनीताल में देवगुरु बृहस्पति का मंदिर देवगुरु पर्वत की चोटी पर स्थित है। राजस्थान में जयपुर के महारानी फार्म में भी बृहस्पति देव का मंदिर है, जिसमें सोने की प्रतिमा स्थापित है।
तमिलनाडु का अलंगुड़ी मंदिर
तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले के अलंगुड़ी में श्री आपत्सहायेश्वर महादेव का मंदिर है, जहां भगवान बृहस्पति की प्रतिमा भी है। यहां लोग कुंडली के दोषों की शांति के लिए 24 परिक्रमा करते हैं।