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महात्मा गांधी की जयंती पर प्रेरणादायक उद्धरण और शायरी

हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है, जो न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक महान नेता भी थे। इस विशेष दिन पर, लोग उनके विचारों को याद करते हैं और अहिंसा के मार्ग को अपनाते हैं। इस लेख में, हम गांधी जयंती पर प्रेरणादायक उद्धरण और शायरी साझा कर रहे हैं, जिन्हें आप अपने प्रियजनों को भेज सकते हैं। आइए, बापू के विचारों को अपनाएं और उनके संदेश को फैलाएं।
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महात्मा गांधी की जयंती पर प्रेरणादायक उद्धरण और शायरी

महात्मा गांधी की जयंती का उत्सव

महात्मा गांधी जयंती उद्धरण हिंदी में: नई दिल्ली | हर साल 2 अक्टूबर को भारतवासी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। गांधी जी केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि एक महान नेता भी थे। उनके जन्मदिन पर लोग उनकी यादों को ताजा करते हैं और अहिंसा के मार्ग को अपनाते हैं।


गांधी जयंती का महत्व

इस वर्ष बापू का 156वां जन्मदिन है। गांधी जयंती पर अपने प्रियजनों को उद्धरण, शायरी और चित्र भेजकर शुभकामनाएं दें। यदि आप भी अपने दोस्तों को ये विशेष संदेश भेजना चाहते हैं, तो यहां से चुनें।


गांधी जयंती पर उद्धरण और शायरी

गांधी जयंती पर भेजने के लिए विशेष उद्धरण और शायरी:


देश के लिए जिसने विलास को ठुकराया था, त्याग विदेशी धागे उसने खुद ही खादी बनाया था, पहन के काठ की चप्पल जिसने सत्याग्रह का राग सुनाया था, वो महात्मा गांधी कहलाया था।


सिर्फ एक सत्य, एक अहिंसा दो हैं जिनके हथियार, उन हथियारों से ही तो कर दिया हिंदुस्तान आजाद ऐसे अमर आत्मा को करो मिलके सलाम। गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!


खादी मेरी शान है, कर्म ही मेरी पूजा है, सच्चा मेरा कर्म है, और हिंदुस्तान मेरी जान है।
बापू ने लड़ी धरती पर अजब लड़ाई, दागी न तोप ना कोई बंदूक चलाई। दुश्मन के किले पर भी की नहीं चढ़ाई, वाह रे फकीर तुमने कैसी करामात दिखाई।


सिर्फ एक सत्य, एक अहिंसा, दो हैं जिनके हथियार, उन हथियारों से ही तो, कर दिया हिंदुस्तान आजाद, ऐसे अमर आत्मा को करें मिलकर सलाम।


अहिंसा का पुजारी, सत्य की राह दिखाने वाला, ईमान का पाठ पढ़ा गया हमें, वो बापू लाठी वाला।
सत्य का तेल, अहिंसा की बाती, अमर ज्योति जलती रहे, तेरे पदचिन्हों पर बापू, दुनिया सारी चलती रहे।


बापू के सपनों को फिर से सजाना है, देकर लहू का कतरा इस चमन को बचाना है, बहुत गा लिया हमने आज़ादी के गानों को, अब हमें भी देशभक्ति का फ़र्ज़ निभाना है।


दे दी हमें आज़ादी बिना खड़ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल, आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।


हमेशा सच्चाई का शस्त्र लेकर, अहिंसा का अस्त्र लेकर, जिसने देश अपना बचाया, अंग्रेजों को दूर भगाया था, दुश्मनों से भी किया प्यार, मानव पर किया उपकार, बापू करते हैं आपको नमन, चढ़ाते हैं हम सब प्रेम-सुमन।


ये उद्धरण अपनों को भेजकर गांधी जयंती को यादगार बनाएं। बापू के विचारों को अपनाएं और अहिंसा का संदेश फैलाएं।