वंदे भारत स्लीपर कोच में नई सुरक्षा सुविधाएं और आरामदायक बदलाव
 
                           
                        वंदे भारत स्लीपर कोच में सुधार
भारतीय रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को और अधिक आरामदायक बनाने के लिए कई सुझावों पर विचार किया है। रेलवे बोर्ड ने रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन से इन सुझावों पर चर्चा करने का निर्देश दिया है। ट्रेन की मंजूरी के समय, चीफ रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित किया था।
इन उपायों में आग-प्रतिरोधी केबल, आसानी से पहुंचने वाले पैनिक बटन और वायरिंग फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस शामिल हैं। ये सभी परिवर्तन यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
आर्क-फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस
रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने आग लगने की घटनाओं से बचने के लिए CCTV कैमरों और क्रैश-हार्डन्ड मेमोरी मॉड्यूल जैसे सिस्टम के लिए विशेष केबल का उपयोग करने का आदेश दिया है। पिछले साल दरभंगा ट्रेन में आग लगने की घटना से सीख लेते हुए आर्क-फॉल्ट डिटेक्शन डिवाइस लगाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, फर्स्ट-AC कोच में एयर-कंडीशनिंग डक्ट को फर्श के कोनों से हटाकर अधिक उपयुक्त स्थान पर लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं
यात्रियों की सुविधा के लिए, इमरजेंसी अलार्म बटन को ऊपरी बर्थ के पीछे से हटाकर ऐसी जगह पर रखा गया है जहां से वह आसानी से दिखाई दे और पहुंचा जा सके। रेलवे बोर्ड ने बताया कि RDSO वंदे भारत एक्सप्रेस के नए वेरिएंट के लिए मानक निर्देश तैयार करेगा। इससे ट्रेन में आग और अन्य खतरों से सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही, बोर्ड ने ज़ोनल रेलवे को 16-कोच वाले स्लीपर रेक को 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने की अनुमति भी दी है।
इमरजेंसी अलार्म बटन
यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं में इमरजेंसी अलार्म बटन को ऊपरी बर्थ के पीछे से हटाकर ऐसी जगह पर रखा गया है जहां वह आसानी से दिखाई दे। रेलवे बोर्ड ने बताया कि RDSO वंदे भारत के नए वेरिएंट के लिए मानक निर्देश तैयार करेगा। इससे ट्रेन में आग और अन्य जोखिमों से सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही, बोर्ड ने ज़ोनल रेलवे को 16-कोच वाले स्लीपर रेक को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाने की भी इजाज़त दे दी है।
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