वास्तु के अनुसार डोरमैट का महत्व और सही चयन
हर घर के मुख्य द्वार पर डोरमैट का होना एक सामान्य प्रथा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका चयन कैसे किया जाना चाहिए? वास्तु शास्त्र के अनुसार, 'वेलकम' शब्द का होना नकारात्मकता को आकर्षित नहीं करता है। यह सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है और घर में प्रेम और सद्भावना का वातावरण बनाता है। जानें कि डोरमैट का सही चयन कैसे करें और इसके पीछे के रहस्यों को समझें।
| Nov 7, 2025, 19:11 IST
डोरमैट का महत्व
हर घर के मुख्य द्वार पर डोरमैट का होना एक सामान्य प्रथा है। लोग विभिन्न प्रकार के डोरमैट का उपयोग करते हैं। यह डोरमैट मुख्य दरवाजे को आकर्षक बनाने के साथ-साथ ऊर्जा के प्रवाह से भी जुड़ा होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह महत्वपूर्ण है कि किस रंग, आकार और धातु का डोरमैट आपके घर के मुख्य द्वार पर रखा जाए। कई घरों में 'वेलकम' लिखा हुआ डोरमैट देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है?
क्या 'वेलकम' डोरमैट रखना सही है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, 'वेलकम' शब्द का होना नकारात्मकता को आकर्षित नहीं करता है। इसे शुभ और स्वागत योग्य माना जाता है।
जब आप किसी का स्वागत करते हैं, तो आप प्रेम और सम्मान के साथ उन्हें अपने घर में आमंत्रित करते हैं। 'वेलकम' शब्द एक तरह से यह दर्शाता है कि घर में मेहमानों और सौभाग्य का खुले दिल से स्वागत किया जाता है। यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह घर में प्रेम और सद्भावना का वातावरण बनाता है, जिससे रिश्तों में मधुरता आती है और तनाव कम होता है।
वास्तु के अनुसार, हमारे द्वारा देखे और बोले गए शब्द हमारे आस-पास की ऊर्जा को प्रभावित करते हैं। इसलिए, 'वेलकम' शब्द घर में सकारात्मकता बनाए रखता है। हालांकि, कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि आपके डोरमैट पर 'वेलकम' लिखा है, तो आपको मुख्य द्वार पर खड़े होकर हमेशा सकारात्मक और शुभ बातें सोचनी या बोलनी चाहिए। नकारात्मक विचार या शब्द बोलने से बुरी ऊर्जा घर में प्रवेश कर सकती है।
