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वास्तु शास्त्र: ईशान कोण की गलत संरचना से होने वाले नुकसान

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की संरचना का सीधा प्रभाव व्यक्ति की जीवनशैली पर पड़ता है। विशेष रूप से ईशान कोण, जो कि घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, यदि गलत तरीके से बनाया गया हो तो यह धन हानि, गंदगी, और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ईशान कोण की गलत संरचना से नुकसान होता है और इसे सुधारने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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वास्तु शास्त्र: ईशान कोण की गलत संरचना से होने वाले नुकसान

ईशान कोण का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में किसी भी प्रकार की गलत संरचना न केवल व्यक्ति को प्रभावित करती है, बल्कि पूरे घर की ऊर्जा को भी बदल देती है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूर्व और उत्तर दिशाओं के मिलन स्थल को ईशान दिशा कहा जाता है, जिसे घर में ईशान कोण के रूप में जाना जाता है। वास्तु के अनुसार, इस कोण पर देवताओं और आध्यात्मिक शक्तियों का निवास होता है, इसे सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।


धन हानि

यदि ईशान कोण ऊँचा है, तो यह धन हानि का कारण बन सकता है और विकास में रुकावट डालता है। इस दिशा में उत्तरी दिशा की लंबाई कम होने से गृहस्वामिनी को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि यह दिशा अस्वस्थ, भारी या सूखी है, तो धन की वृद्धि में बाधा आती है।


गंदगी

यदि इस कोण में शौचालय, नगर निकासी या अन्य गंदगी है, तो जातक को धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दिशा में सेप्टिक टैंक होने से भी धन हानि होती है। इस दोष को कम करने के लिए, टैंक के ढक्कन को लाल रंग से रंगना लाभकारी हो सकता है।


टॉयलेट

यदि इस कोण में टॉयलेट है, तो जातक का जीवन प्रभावित होता है। धन की हानि और विकास में रुकावट आती है। इस दोष को दूर करने के लिए दर्पण लगाना या पानी से भरा बर्तन रखना शुभ होता है। इसके अलावा, एक्वेरियम रखना भी फायदेमंद हो सकता है।


सीढ़ियां

इस कोण में सीढ़ियों का होना कर्ज बढ़ाने और आर्थिक तंगी का कारण बनता है। यदि यह कोण कटता या घटता है, तो गंभीर आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस दिशा में किचन, सीढ़ियां और कबाड़खाना नहीं होना चाहिए।


उपाय

ईशान कोण को अन्य कोणों से नीचे रखना चाहिए। इसे बड़ा, हल्का, साफ और सुगंधित होना चाहिए। कैलाश पर्वत की साधना मुद्रा में महादेव की तस्वीर लगाना चाहिए।


इसके अलावा, गुरु यंत्र की स्थापना या भोजन की तलाश में उड़ते पक्षियों की तस्वीर लगाना भी नकारात्मक ऊर्जा को कम करने में मदद कर सकता है।