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सूर्य ग्रहण 2025: जानें कन्या राशि में होने वाले इस ग्रहण का महत्व

इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को होगा, जो कन्या राशि में घटित होगा। यह दिन सर्वपितृ अमावस्या के साथ मेल खाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस ग्रहण का भारत में कोई दृश्य प्रभाव नहीं होगा, लेकिन कन्या राशि के जातकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव से बचने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए। जानें इस ग्रहण के दौरान क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए और कैसे पूजा-पाठ करना चाहिए।
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सूर्य ग्रहण 2025: जानें कन्या राशि में होने वाले इस ग्रहण का महत्व

सूर्य ग्रहण की तिथि और विशेषताएँ

Surya Grahan 2025: इस वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को होगा। यह दिन सर्वपितृ अमावस्या के साथ मेल खाता है, जिसे पितृपक्ष का समापन माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह ग्रहण कन्या राशि में होगा और आंशिक रूप से दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।


ग्रहण के प्रभाव और सावधानियाँ

हालांकि, कन्या राशि के जातकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इस समय अचानक आर्थिक नुकसान, निवेश में हानि और कार्यस्थल पर दबाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मानसिक तनाव और पारिवारिक विवादों से बचने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचना चाहिए। ग्रहण काल के दौरान पूजा-पाठ, खान-पान और नुकीले उपकरणों का उपयोग वर्जित माना जाता है। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, साथ ही भगवान का नाम जपने, सूर्य को अर्घ्य देने और दान-पुण्य करने की भी सलाह दी गई है।