Honda Activa Electric का उत्पादन बंद: बिक्री में गिरावट और चार्जिंग की कमी
Honda Activa Electric: नई दिल्ली में परेशानी
भारत में स्कूटर्स की पहचान मानी जाने वाली होंडा एक्टिवा अब कंपनी के लिए एक चुनौती बन गई है, लेकिन यह समस्या पेट्रोल वेरिएंट की नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक एक्टिवा की है!
एक्टिवा इलेक्ट्रिक का उत्पादन क्यों हुआ बंद?
रिपोर्टों के अनुसार, होंडा ने एक्टिवा EV का उत्पादन केवल छह महीनों में ही रोक दिया है। बिक्री में लगातार गिरावट और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी ने इसे और भी कठिन बना दिया।
फरवरी 2025 में, होंडा ने एक्टिवा इलेक्ट्रिक को ओला S1, बजाज चेतक और अन्य प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ पेश किया था।
कंपनी को उम्मीद थी कि पेट्रोल एक्टिवा की तरह, इलेक्ट्रिक वेरिएंट भी बाजार में धूम मचाएगा, लेकिन लॉन्च के छह महीने बाद ही उत्पादन रोकने का निर्णय लेना पड़ा।
बिक्री की स्थिति स्पष्ट है—यह बेहद खराब रही और कंपनी इसे बनाए रखना अब आर्थिक दृष्टि से लाभदायक नहीं मान रही।
बिक्री में गिरावट: 6 महीने में 1000 यूनिट भी नहीं बिकी
लॉन्च के बाद, होंडा ने एक्टिवा EV और QC1 मिलाकर कुल 11,168 यूनिट्स का उत्पादन किया।
हालांकि, जुलाई तक बिक्री केवल 5,201 यूनिट्स रही, जिसमें एक्टिवा इलेक्ट्रिक की बिक्री मात्र 698 यूनिट्स थी—पूरे छह महीनों में 1000 यूनिट्स भी नहीं!
खरीदारों ने एक्टिवा EV को क्यों किया नज़रअंदाज़?
लोगों ने इसे खरीदने से इसलिए परहेज किया क्योंकि:
होंडा के पास प्रभावी लॉन्च रणनीति नहीं थी।
शुरुआत में यह केवल बैंगलोर में उपलब्ध थी।
बाद में, यह केवल दिल्ली और मुंबई तक सीमित रही।
भारत के अन्य हिस्सों में एक्टिवा इलेक्ट्रिक का कोई भी शोरूम नहीं था।
इस प्रकार, सीमित उपलब्धता ने इसकी बिक्री को शुरू से ही प्रभावित किया।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी: सबसे बड़ी समस्या
होंडा एक्टिवा EV की सबसे बड़ी कमी इसका बैटरी सिस्टम था।
इसमें अन्य ईवी की तरह घर पर चार्ज करने का विकल्प नहीं था—
मालिकों को केवल स्वैपेबल बैटरी स्टेशनों पर निर्भर रहना पड़ता।
हालांकि, होंडा इन चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क समय पर स्थापित नहीं कर पाई।
जहां चार्जिंग की सुविधा नहीं है, वहां खरीदार इलेक्ट्रिक स्कूटर कैसे खरीद सकते हैं?
इस कारण से, ग्राहक अन्य कंपनियों के ईवी मॉडलों की ओर बढ़ गए।
