उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी, सब्सिडी खत्म होने की तैयारी

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग
इलेक्ट्रिक वाहन अपडेट वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल ही में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद अब महंगी हो सकती है। जबकि एक ओर इनकी मांग में जबरदस्त इजाफा हो रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश में ई-वाहन खरीदारों को जल्द ही एक बड़ा झटका लगने वाला है।
कीमतों में वृद्धि की तैयारी
कीमतें बढ़ने वाली हैं
ई-वाहनों की कीमतें दो दिन बाद बढ़ने की संभावना है। 13 अक्टूबर से ई-वाहन की खरीद पर मिलने वाली आरटीओ छूट समाप्त हो जाएगी, जिससे कीमतों में 10 से 12 हजार रुपये की वृद्धि हो सकती है। यह बदलाव खरीदारों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
पंजीकरण शुल्क में बदलाव
पंजीकरण शुल्क की छूट समाप्त
उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा ई-वाहनों की खरीद पर अब तक पंजीकरण शुल्क में छूट दी जा रही थी, लेकिन यह छूट अब समाप्त होने जा रही है। इससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। पिछले वर्ष में दोपहिया ई-वाहनों की कीमतें तीन गुना तक बढ़ चुकी हैं।
बिक्री में वृद्धि
बिक्री में बंपर वृद्धि
उत्तर प्रदेश में कारोबारी दुष्यंत के अनुसार, 2024 में प्रति शोरूम हर महीने औसतन 10 ई-वाहन बिकते थे, जो अब बढ़कर 30 वाहनों तक पहुंच गए हैं।
ई-वाहनों की बिक्री की स्थिति
ई-वाहनों की बिक्री
हालांकि कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन आलोक पाराशर का कहना है कि ई-वाहन किफायती विकल्प बने रहेंगे। जेहरा फातिमा ने भी बताया कि ई-वाहनों के उपयोग से ईंधन की लागत में 70 प्रतिशत तक की कमी आती है।
नीति का कार्यान्वयन
नीति की शुरुआत
उत्तर प्रदेश सरकार ने अक्टूबर 2022 में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की थी, जिसमें टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट के साथ सब्सिडी भी दी जा रही थी। परिवहन विभाग ने लगभग 60 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है।
भविष्य की नीति
नई सब्सिडी नीति
यह सब्सिडी 14 अक्टूबर 2025 से 2027 तक जारी रहेगी, लेकिन केवल उन्हीं वाहनों को सब्सिडी मिलेगी जो उत्तर प्रदेश में निर्मित और रजिस्टर्ड होंगे। इससे राज्य में ईवी निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।