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एसी के तापमान में 1 डिग्री बदलाव से बिजली बिल पर प्रभाव

गर्मी के मौसम में एसी का उपयोग बढ़ जाता है, लेकिन इससे बिजली बिल में भी वृद्धि होती है। जानें कि एसी के तापमान में 1 डिग्री का बदलाव बिजली की खपत पर कितना प्रभाव डालता है। सरकार ने एसी के तापमान को नियंत्रित करने का निर्णय लिया है, जिससे बिजली की बचत की जा सके। इस लेख में हम समझेंगे कि तापमान बढ़ाने या घटाने से कितनी बिजली की बचत हो सकती है और इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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एसी के तापमान में 1 डिग्री बदलाव से बिजली बिल पर प्रभाव

गर्मी में एसी का उपयोग


न्यूज़ मीडिया: भारत में गर्मियों का आगमन हो चुका है, विशेषकर उत्तर भारत में स्थिति और भी गंभीर है। ऐसे में लोग एसी का उपयोग बढ़ा रहे हैं। हालांकि, एसी चलाने से बिजली का बिल काफी बढ़ जाता है। कई लोगों का मानना है कि एसी के तापमान का सीधा असर बिजली की खपत पर पड़ता है। आइए जानते हैं कि एसी का तापमान 1 डिग्री बढ़ाने से बिजली बिल पर क्या असर पड़ता है।


सरकार का नया फैसला

हाल ही में सरकार ने घोषणा की है कि भविष्य में एसी का तापमान निर्धारित किया जाएगा। मानक से ऊपर या नीचे एसी का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य बिजली की बचत करना बताया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी का तापमान बदलने से बिजली की खपत पर कितना प्रभाव पड़ता है? 1 डिग्री तापमान बढ़ाने पर कितनी बिजली की बचत हो सकती है?


बिजली की खपत में बदलाव

एसी का तापमान 1 डिग्री कम या ज्यादा करने पर बिजली की खपत में होने वाली बचत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे एसी की क्षमता, स्टार रेटिंग, कमरे का आकार, बाहरी तापमान और उपयोग की अवधि। फिर भी, सामान्य अनुमान के आधार पर बचत का आंकड़ा निकाला जा सकता है।


1 डिग्री तापमान बढ़ाने पर बचत

1 डिग्री बढ़ाने पर बचत

एसी का तापमान 1 डिग्री कम करने से बिजली की खपत लगभग 3-6% बढ़ सकती है। इसके विपरीत, तापमान को 1 डिग्री बढ़ाने से बिजली की खपत में इतनी ही कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आप एसी को 24°C के बजाय 25°C पर सेट करते हैं, तो आप 3-6% बिजली बचा सकते हैं।


रेटिंग का प्रभाव

रेटिंग का भी होता है असर

रिपोर्ट के अनुसार, 5-स्टार रेटेड एसी कम बिजली खपत करते हैं। यदि आप 1.5 टन का 5-स्टार इन्वर्टर एसी चला रहे हैं, जो प्रति घंटे लगभग 0.8-1.2 किलोवाट बिजली खपत करता है, तो इसका तापमान 24°C से 25°C करने पर 0.03-0.07 किलोवाट प्रति घंटे की बचत हो सकती है।


बचत की गणना

कितने रुपये की होगी बचत

मान लें कि एक 1.5 टन का 5-स्टार इन्वर्टर एसी 24°C पर 1 किलोवाट प्रति घंटे की दर से बिजली खपत करता है। तापमान को 25°C करने पर 5% बचत मानें, तो प्रति घंटे 0.05 किलोवाट (50 वाट) की बचत होगी। यदि एसी 8 घंटे रोज चलता है और बिजली की दर 8 रुपये प्रति यूनिट है, तो प्रतिदिन बचत होगी 3 से 5 रुपये की, जो महीने में 100 से 150 रुपये तक जा सकता है।


अन्य उपाय

यह उपाय भी रहेंगे फायदेमंद

यदि कमरा अच्छी तरह इन्सुलेटेड नहीं है, तो तापमान कम करने से बिजली की खपत में वृद्धि अधिक हो सकती है। एसी को लंबे समय तक चलाने पर बचत का प्रभाव बढ़ जाता है, इसलिए बीच-बीच में एसी को बंद कर देना चाहिए। इन्वर्टर एसी तापमान बदलने पर अधिक कुशलता से बिजली बचाते हैं। सही रखरखाव, जैसे कि फिल्टर साफ करना, बिजली की बचत में मदद करता है। पंखे का उपयोग करने से तापमान 1-2 डिग्री बढ़ाकर भी आराम मिल सकता है और बिजली की भी बचत होगी।