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कर्नाटक में प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नया कदम

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों और बैठकों में प्लास्टिक पानी की बोतलों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इस कदम का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा को बढ़ावा देना और स्थानीय डेयरी उद्योग को समर्थन देना है। सभी सरकारी कार्यक्रमों में अब केवल 'नंदिनी' ब्रांड के डेयरी उत्पादों का उपयोग अनिवार्य होगा। जानें इस नए आदेश के पीछे की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।
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कर्नाटक में प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नया कदम

कर्नाटक सरकार का नया आदेश

बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों और बैठकों में प्लास्टिक पानी की बोतलों के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। अब सभी सरकारी कार्यक्रमों और दफ्तरों में पीने के लिए केवल पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग किया जाएगा, जिससे प्लास्टिक कचरे में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।


पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले भी ऐसे निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन अब इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने विभागों में इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें और इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश तुरंत जारी करें। इसके साथ ही, सिद्धारमैया ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकारी बैठकों, कार्यक्रमों और सचिवालय सहित सभी सरकारी कार्यालयों में राज्य की सार्वजनिक संस्था कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के 'नंदिनी' ब्रांड के डेयरी और खाद्य उत्पादों के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है। अब इन आयोजनों में चाय, कॉफी, दूध और अन्य डेयरी उत्पाद केवल 'नंदिनी' से ही उपलब्ध होंगे।


सरकार का कहना है कि इन कदमों से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होगी, बल्कि राज्य के स्थानीय डेयरी उद्योग को भी मजबूती मिलेगी। सभी विभागों को आदेश का सख्ती से पालन करने और प्रत्येक बैठक एवं कार्यक्रम में इस नियम को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।


सिद्धारमैया ने कहा, “राज्य भर के सभी सरकारी कार्यालयों और आधिकारिक बैठकों में पीने के पानी के लिए प्लास्टिक की बोतलों की बजाय पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों का उपयोग किया जाना चाहिए। इस निर्देश को कड़ाई से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।” इसके अलावा उन्होंने सभी विभागों को सचिवालय और अन्य सरकारी कार्यक्रमों में “सरकारी स्वामित्व वाले कर्नाटक दुग्ध संघ (KMF) के नंदिनी उत्पादों का अनिवार्य उपयोग” करने का निर्देश भी दिया।