Newzfatafatlogo

किसानों के लिए फसली चक्र से बाहर निकलना आवश्यक: डॉ. सुखपाल

पंजाब में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को फसली चक्र से बाहर निकलने की सलाह दी है। उन्होंने धान की जगह अन्य फसलों, विशेषकर मक्का, पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस संदर्भ में, बासमती चावल के निर्यात में आने वाली बाधाओं की पहचान करने के लिए एक बैठक भी आयोजित की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि कीटनाशकों के अवशेष निर्यात में रुकावट डालते हैं, और इसके समाधान के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
 | 
किसानों के लिए फसली चक्र से बाहर निकलना आवश्यक: डॉ. सुखपाल

किसानों की फसल विविधीकरण की आवश्यकता


किसानों को फसली चक्र से बाहर निकलने की सलाह


चंडीगढ़: पंजाब में जल संकट के बढ़ते संकट को लेकर कृषि विशेषज्ञों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि वे धान की खेती से बाहर निकलें और अन्य फसलों की ओर ध्यान दें। इस संदर्भ में, कीटनाशक रहित बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पंजाब राज्य किसान और कृषि श्रमिक आयोग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. सुखपाल सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई।


इस बैठक का उद्देश्य फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और कम से कम 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को धान से बाहर निकालना था। इस चर्चा में डॉ. संदीप राव पाटिल, उत्तरी भारत के जोनल मैनेजर, डॉ. मालविंदर सिंह मल्ली, ग्लोबल ट्रेनर बायो फसल विज्ञान, और डॉ. आरएस बैंस, मानवप्रीत सिंह आरओ, गगनदीप आरए शामिल हुए।


बासमती निर्यात में बाधाएं

बासमती निर्यात में रुकावटों की पहचान


यह बैठक रणनीतिक हस्तक्षेप तैयार करने और यूरोपीय संघ तथा संयुक्त राज्य अमेरिका को बासमती के निर्यात में आने वाली बाधाओं की पहचान के लिए आयोजित की गई। इसमें यह पाया गया कि कीटनाशकों के अवशेष, जो एमआरएल से अधिक हैं, इन देशों को निर्यात में बाधा डालते हैं। डॉ. राव ने आयोग के अध्यक्ष को सूचित किया कि कृषि और किसान कल्याण विभाग ने 11 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाया है, जो 1 अगस्त से 30 सितंबर तक लागू होगा। यह एक सकारात्मक कदम है, लेकिन विभाग को कुछ कीटनाशकों के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।


मक्का की फसल का महत्व

धान के विकल्प के रूप में मक्का


किसानों के लिए धान का एक व्यावहारिक विकल्प खरीफ मक्का की फसल है, जो पानी की खपत में धान की तुलना में काफी कम है। अध्यक्ष ने एक खरीफ मक्का हाइब्रिड विकसित करने पर जोर दिया, जिससे प्रति एकड़ कम से कम 35 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सके।


अतिरिक्त जानकारी

ये भी पढ़ें: अमृतसर में अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़