गाड़ी चलाते समय स्पीड का माइलेज पर प्रभाव
स्पीड और माइलेज का संबंध
नई दिल्ली: नए ड्राइवर अक्सर यह सोचते हैं कि गाड़ी की तेज गति से वे जल्दी अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे, जबकि असलियत यह है कि तेज चलाने से कार का माइलेज प्रभावित होता है।
ड्राइविंग सीखने वालों के लिए यह जानना आवश्यक है कि सही गति से गाड़ी चलाने से न केवल ईंधन की बचत होती है, बल्कि इंजन और टायर की उम्र भी बढ़ती है।
तेज गति पर माइलेज में कमी
जब गाड़ी तेज चलती है, तो इंजन को अधिक शक्ति उत्पन्न करनी पड़ती है, जिसके लिए ज्यादा ईंधन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, हवा का दबाव, जिसे एयर ड्रैग कहा जाता है, भी गति के साथ बढ़ता है, जिससे इंजन पर अतिरिक्त भार पड़ता है। यही कारण है कि हाईवे पर तेज गति से चलाने पर माइलेज में कमी आती है।
सही गति पर बेहतर माइलेज
अधिकांश पेट्रोल और डीजल कारों के लिए 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा की गति को माइलेज के लिए आदर्श माना जाता है। इस गति पर इंजन स्थिर रहता है और ईंधन की खपत संतुलित होती है। बहुत धीमी या बहुत तेज गति, दोनों ही स्थितियों में माइलेज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
एक्सीलेरेशन और ब्रेक का प्रभाव
अचानक तेज एक्सीलेरेशन या बार-बार ब्रेक लगाने से माइलेज में काफी कमी आती है। हर बार तेज एक्सीलेटर दबाने पर इंजन अधिक ईंधन खींचता है। ड्राइविंग सीखने वालों को स्मूद एक्सीलेरेशन और ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए ड्राइविंग की आदत डालनी चाहिए।
गियर बदलने की सही तकनीक
सही समय पर गियर बदलना भी माइलेज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहुत अधिक आरपीएम पर गियर चलाने से ईंधन की खपत बढ़ती है। लो स्पीड पर हाई गियर या हाई स्पीड पर लो गियर का उपयोग करने से बचना चाहिए। ऑटोमैटिक कार में भी स्मूद ड्राइविंग से बेहतर माइलेज प्राप्त होता है।
ड्राइविंग सीखने वालों के लिए सुझाव
नई ड्राइविंग सीख रहे व्यक्तियों को हमेशा स्थिर गति बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा स्पीड से बचें, टायर प्रेशर को सही रखें और अनावश्यक वजन कार में न रखें। इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर माइलेज बढ़ाया जा सकता है और ड्राइविंग को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकता है।
