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गुजरात की नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति: वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ेगा राज्य का योगदान

गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाना है। इस नीति के तहत, केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत सहायता प्राप्त करने वाले प्रोजेक्ट्स को राज्य में भी प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा, 35 हजार करोड़ रुपए के नए निवेश और उच्च कौशल वाले रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। नीति का कार्यान्वयन गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन द्वारा किया जाएगा, जिससे राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
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गुजरात की नई इलेक्ट्रॉनिक्स नीति: वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ेगा राज्य का योगदान

गुजरात में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति की घोषणा

गुजरात समाचार: गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी की घोषणा की है। इस नीति के तहत, सीएम पटेल ने गुजरात को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाने की योजना व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि इस पॉलिसी में मल्टीलेयर और HDI प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम आयन सेल, डिसप्ले और कैमरा मॉड्यूल्स, एसएमडी पैसिव कम्पोनेंट्स, इलेक्ट्रो मैकेनिकल पार्ट्स और आवश्यक मशीनरी के उद्योगों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन दिए गए हैं। इस पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक किए जा सकेंगे।


100 प्रतिशत सहायता का आश्वासन

100 प्रतिशत सहायता का आश्वासन


मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात को एक पॉलिसी-आधारित राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 (GECMS)’ की घोषणा की है। इस नीति के तहत, केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) द्वारा अनुमोदित यूनिट्स को गुजरात में भी 100 प्रतिशत सहायता प्रोत्साहन मिलेगा। इसका अर्थ है कि गुजरात में स्थापित होने वाले MEITY मंजूर प्रोजेक्ट्स को केंद्र और राज्य सरकार से दोहरी प्रोत्साहन सहायता प्राप्त होगी।


राज्य सरकार का त्वरित प्रोत्साहन

राज्य सरकार का त्वरित प्रोत्साहन


यह नीति केंद्र सरकार की ईसीएमएस पॉलिसी के अनुरूप है और इसके तहत 100 प्रतिशत टॉपअप का अनुकरण कर सहायता प्रोत्साहन जल्दी उपलब्ध कराया जाएगा। MEITY द्वारा एक बार प्रोजेक्ट मंजूर होने के बाद, राज्य में स्थापित होने वाले प्रोजेक्ट्स स्वतः समान अनुदान सहायता के पात्र बन जाएंगे, और केंद्र सरकार द्वारा सहायता का भुगतान होने के 30 दिन के भीतर राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन सहायता का भुगतान किया जाएगा।


फोकस क्षेत्र

फोकस क्षेत्र


गुजरात ने मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो हब के रूप में अपनी पहचान बनाई है। राज्य में चार सेमीकंडक्टर प्लांट्स भी कार्यरत हैं। इस नीति के परिणामस्वरूप अपस्ट्रीम इंडस्ट्री को गति मिलेगी, जिससे आयात पर निर्भरता कम होगी और तकनीकी स्थिरता में वृद्धि होगी।


निवेश का लक्ष्य

35 हजार करोड़ का नया निवेश


इस नीति के माध्यम से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नया निवेश और उच्च कौशल वाले रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा घोषित इस जीईसीएमएस पॉलिसी के तहत, राज्य में आवश्यक उद्योगों को निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।


रिसर्च और विकास में सहयोग

रिसर्च और विकास में सहयोग


इस नीति में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए उदारतम सहयोग देने का प्रावधान है। गुजरात में मान्यता प्राप्त संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल्स या एप्लाइड रिसर्च लैब की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा 12.5 करोड़ रुपए तक की मैचिंग सहायता दी जाएगी। GECMS के तहत टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव छह वर्षों तक प्रदान किया जाएगा।


GECMS नीति का उद्देश्य

क्या है GECMS नीति


इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट्स के उत्पादन से वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में गुजरात का मजबूत स्थान स्थापित करना है। स्थानीय कम्पोनेंट और सब-असेम्बली उत्पादन को प्रोत्साहित करके आयात पर निर्भरता कम करना और निर्यात में वृद्धि करना है।


GECMS के लिए आवश्यक योग्यता

GECMS के लिए आवश्यक योग्यता


  • भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इस पॉलिसी का लाभ लेने के लिए आवेदन 31 जुलाई 2025 तक करने होंगे।
  • केन्द्र सरकार के MEITY द्वारा सहायता मंजूर हुई हो और गुजरात में कार्यरत हों; ऐसे सभी प्रोजेक्ट्स को स्वतः इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा।
  • गुजरात में उत्पादन यूनिट स्थापित करने के इच्छुक हों अथवा प्रगति पर हों; ऐसे प्रोजेक्ट्स को भी इसका लाभ मिलेगा।


GECMS से लाभ

GECMS से क्या होगा लाभ?


  • गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 अंतर्गत सहायता प्राप्त कर रही इकाइयों को छोड़कर अन्य इकाइयाँ ही इस नीति अंतर्गत देय लाभ प्राप्त करने के लिए मान्य होंगी।
  • इस नीति अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली इकाइयों को गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2022-28 का लाभ नहीं मिलेगा।
  • प्रोत्साहन भारत सरकार की योजना की शर्तों तथा थ्रेशोल्ड के अनुसार रहेंगे।
  • कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा लॉजिस्टिक्स: इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टरों में कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण तथा विकास के लिए आवश्यकता आधारित सहायता दी जाएगी।


GECMS से मिलने वाला लाभ

GECMS से किस तरह का मिलेगा लाभ


भारत सरकार द्वारा मंजूर योजनाओं के लिए सहायता का भुगतान किए जाने के बाद राज्य सरकार 30 कार्य दिवस में सहायता का भुगतान करेगी।


पॉलिसी का कार्यान्वयन

कब शुरू होगा पॉलिसी पर काम


  • राज्य की इस नई नीति की समयावधि भारत सरकार की योजना के समान ही रहेगी।
  • गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025 का क्रियान्वयन गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन (जीएसईएम) द्वारा किया जाएगा।
  • केन्द्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) अंतर्गत मंजूर हुए प्रोजेक्ट्स को गुजरात में प्रोजेक्ट स्थापना के लिए केन्द्रीय सहायता की 100 प्रतिशत सहायता प्राप्त होगी।
  • केन्द्रीय मंत्रालय मान्यता प्राप्त प्रोजेक्ट्स को एक ही मान्यता से केन्द्र-राज्य का दोहरा सहायता प्रोत्साहन लाभ मिलेगा।
  • एमईआईटीवाई की मंजूरी से वितरण तक गुजरात सरकार की ईसीएमएस का लाभ भी समानांतर मिलेगा, 30 दिन में प्रोत्साहन सहायता का भुगतान कर दिया जाएगा।
  • ईसीएमएस अंतर्गत टर्नओवर से जुड़े प्रोत्साहन 6 वर्ष के लिए प्रदान किए जाएंगे।