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गुजरात में नए एक्सप्रेसवे का निर्माण: यात्रा और व्यापार में सुधार

गुजरात में नमो शक्ति और सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण से यात्रा समय में कमी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना ₹96,240 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही है, जिससे तीर्थयात्रियों और व्यापार को लाभ होगा। जानें इस पहल के महत्व और इसके पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में।
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गुजरात में नए एक्सप्रेसवे का निर्माण: यात्रा और व्यापार में सुधार

नए एक्सप्रेसवे की जानकारी

गुजरात में नमो शक्ति एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, जो दीसा से पीपावाव तक फैला होगा। यह 430 किलोमीटर लंबा मार्ग ₹39,120 करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा, जिससे उत्तरी गुजरात को सौराष्ट्र और तटीय क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा।


सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे, जो 680 किलोमीटर लंबा है, अहमदाबाद, राजकोट, द्वारका और सोमनाथ को जोड़ने के लिए ₹57,120 करोड़ का निवेश करेगा। यह परियोजना तीर्थयात्रियों और व्यापार को लाभ पहुंचाने में सहायक होगी। गुजरात विधानसभा के 2025-26 के बजट में इन दोनों परियोजनाओं के लिए कुल ₹96,240 करोड़ का प्रावधान किया गया है।


सरकार ने "Developed Gujarat Fund" से अगले वित्तीय वर्ष में ₹520 करोड़ जारी करने की योजना बनाई है। पहले छह महीनों में परियोजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी, उसके बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) एक वर्ष में तैयार की जाएगी और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी।


पर्यावरणीय दृष्टिकोण से, द्वारका-सोमनाथ मार्ग पर 40,000 पेड़ लगाने की योजना है, जिससे क्षेत्र का पर्यावरण संतुलित रहेगा। नया एक्सप्रेसवे गुजरात की लॉजिस्टिक क्षमता, तीर्थयात्रियों की यात्रा और कृषि/उद्योग संबंधी कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।


यह पहल महत्वपूर्ण क्यों है?


  1. यात्रा समय में कमी: अहमदाबाद से सोमनाथ की यात्रा अब लगभग 4 घंटे में पूरी होगी, जबकि पहले यह 9-10 घंटे लगती थी।
  2. आर्थिक विकास को बढ़ावा: सड़क संपर्क में सुधार से व्यापार, निवेश और पर्यटन को गति मिलेगी।
  3. कनेक्टिविटी और सुरक्षा: हाई-स्पीड कॉरिडोर द्वारा संचालित ट्रैफिक बेहतर और स्थिर रहेगा, जिससे ज़ोनल मार्गों पर कार्गो संचालन सुरक्षित होगा।