चाय उत्पादकों की MSP की मांग: हरी चाय के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की आवश्यकता

हरी चाय के लिए MSP की मांग
Green Tea MSP: चाय उत्पादकों की बड़ी मांग: हरी चाय की पत्तियों के लिए MSP लागू किया जाए, जानें क्यों उठी यह मांग!: नई दिल्ली | भारत के छोटे चाय उत्पादक, जिन्हें छोटे चाय उत्पादक (STG) के नाम से जाना जाता है, ने सरकार से हरी चाय की पत्तियों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने की जोरदार मांग की है।
उनका कहना है कि MSP से उनकी आय सुरक्षित होगी और बाजार की अनिश्चितताओं से उन्हें राहत मिलेगी। आइए जानते हैं कि यह मांग क्यों उठी और इसका चाय उद्योग पर क्या असर होगा।
चाय उद्योग में STG का महत्वपूर्ण योगदान Green Tea MSP
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छोटे चाय उत्पादक देश के कुल चाय उत्पादन में 50% से अधिक का योगदान देते हैं। भारत में लगभग 2.5 लाख STG हैं, जो चाय उद्योग की रीढ़ हैं।
हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों से मिले STG प्रतिनिधियों ने बताया कि MSP लागू होने से वे बाजार में कम कीमतों की मार से बच सकेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
35 रुपये प्रति किलो MSP की मांग
छोटे चाय उत्पादकों ने हरी चाय की पत्तियों के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम MSP की मांग की है। उनका मानना है कि यह न्यूनतम मूल्य उनकी उत्पादन लागत को कवर करेगा और बाजार की अनिश्चित कीमतों से सुरक्षा देगा। इस कदम से छोटे उत्पादक अपने आर्थिक संकट से उबरने की उम्मीद कर रहे हैं।
मंत्रालय का रुख और भविष्य की योजना
भारतीय लघु चाय उत्पादक संघों के परिसंघ (CISTA) के अध्यक्ष बिजॉय गोपाल चक्रवर्ती ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय इस मांग पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मंत्रालय जमीनी स्तर पर अध्ययन करेगा और एक राष्ट्रीय मूल्य निर्धारण समिति बनाएगा। यह समिति MSP को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू करने की दिशा में काम करेगी।
STG को किसानों जैसे अधिकार चाहिए
CISTA ने यह भी मांग की है कि छोटे चाय उत्पादकों को कृषि किसानों की तरह दर्जा दिया जाए, ताकि वे सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। चक्रवर्ती ने कहा कि मंत्रालय ने STG को चाय उद्योग की रीढ़ माना है और उन्हें हर संभव नीतिगत समर्थन देने का भरोसा दिया है।