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चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन में भयानक हादसा: 9 मजदूरों की मौत

तमिलनाडू की राजधानी चेन्नई में नॉर्थ चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन पर निर्माण कार्य के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें नौ मजदूरों की जान चली गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है।
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चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन में भयानक हादसा: 9 मजदूरों की मौत

चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन में दुर्घटना

चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन का हादसा: तमिलनाडू की राजधानी में एक गंभीर घटना घटी है। नॉर्थ चेन्नई थर्मल पावर स्टेशन पर लगभग 30 फीट ऊंचाई पर एक मेहराब का निर्माण कार्य चल रहा था। अचानक ढांचा गिर गया, जिससे कई मजदूर मलबे में दब गए। इस घटना से मौके पर अफरातफरी मच गई और अन्य मजदूर बचाव के लिए दौड़ पड़े।


इस हादसे में नौ मजदूरों की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को नॉर्थ चेन्नई के स्टैनली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर उनकी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों तथा घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।


प्रधानमंत्री का मुआवजे का ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर संवेदना व्यक्त की है। पीएमओ इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि इस कठिन समय में उनकी संवेदनाएं प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के साथ हैं। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी, जबकि घायलों को 50 हजार रुपये की मदद प्रदान की जाएगी।



प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

तमिलनाडु विद्युत बोर्ड के सचिव और TANGEDCO के अध्यक्ष डॉ. जे. राधाकृष्णन ने तुरंत अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है और दोषियों को सजा दी जाएगी। अवादी पुलिस कमिश्नरेट की टीम ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। बचावकर्मियों ने मलबे से मजदूरों को निकालने का कार्य देर रात तक जारी रखा।



निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों पर सवाल

चेन्नई में हुए इस हादसे ने देशभर में निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की स्थिति पर बहस को जन्म दिया है। मजदूर संगठनों का कहना है कि प्रवासी श्रमिक अक्सर कठिन परिस्थितियों में बिना उचित सुरक्षा उपकरणों के काम करने को मजबूर होते हैं। यह घटना फरवरी में मधुरै में हुए एक हादसे की याद दिलाती है, जब एक पिलर गिरने से एक मजदूर की जान चली गई थी। अब सवाल उठ रहा है कि कब तक सुरक्षा की अनदेखी मजदूरों की जान पर भारी पड़ेगी।