जुलाई में मानसून: भारत में बारिश की संभावना और बाढ़ का खतरा

जुलाई में बारिश की स्थिति
जुलाई में मानसून अपडेट: भारत में जुलाई के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद है, जबकि पूर्वोत्तर भारत, बिहार, पश्चिम बंगाल, दक्षिणी तटीय क्षेत्र और कुछ उत्तरी-पश्चिमी इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को यह जानकारी साझा की और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, विशेषकर मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा में बाढ़ के खतरे को लेकर।
बाढ़ का खतरा
मौसम विभाग ने विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में बाढ़ के खतरों के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, IMD की पूर्व चेतावनियों का सही उपयोग करने, निगरानी प्रणाली को और बेहतर बनाने और संवेदनशील क्षेत्रों में प्रतिक्रिया तंत्र तैयार करने की अपील की है।
नदियों के आसपास निगरानी
मौसम विभाग ने गोदावरी, महानदी और कृष्णा जैसी प्रमुख नदियों के आसपास के क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है। महापात्रा ने बताया कि हमारे मॉडल के अनुसार, महानदी के ऊपरी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिसमें छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
जुलाई में बारिश की मात्रा
इस महीने, जुलाई में देशभर में मानसून की बारिश की मात्रा 106% तक पहुंच सकती है, जो 1971-2020 के औसत (LPA) से अधिक है। जुलाई में बारिश की औसत मात्रा लगभग 28 सेंटीमीटर होती है। जून में भी देशभर में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत ने 42% अधिक बारिश का अनुभव किया। इस वर्ष जून में हुई अच्छी बारिश का कृषि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस समय तक खरीफ फसलों की बुआई 262 लाख हेक्टेयर पर हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27 लाख हेक्टेयर अधिक है।
सतर्कता की आवश्यकता
कुल मिलाकर, आने वाले समय में बाढ़ और सूखे के खतरों को लेकर सरकार और नागरिकों को पूरी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, ताकि नुकसान को कम किया जा सके और किसानों की मेहनत को सुरक्षित रखा जा सके।