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जुलाना में सार्वजनिक शौचालयों की बंदी से बढ़ी समस्याएं

जुलाना कस्बे में नए सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का वादा किया गया है, लेकिन पुराने शौचालयों की बंदी से आम जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बस स्टैंड और बाजार क्षेत्र में यात्रियों, दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों को खासा कठिनाई हो रही है। नगर पालिका द्वारा शौचालयों की देखरेख का ठेका समाप्त हो चुका है, जिससे स्वच्छता व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इस स्थिति में सुधार की आवश्यकता है, जिससे यात्रियों को राहत मिल सके।
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जुलाना में सार्वजनिक शौचालयों की बंदी से बढ़ी समस्याएं

जुलाना में शौचालयों की स्थिति


जींद समाचार। जुलाना कस्बे में नए सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का वादा किया गया है, लेकिन पुराने शौचालयों पर ताले लगने से आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से बस स्टैंड और बाजार क्षेत्र में आने वाले यात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए यह समस्या गंभीर हो गई है। नगर पालिका क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों की देखरेख का ठेका 5 दिसंबर को समाप्त हो गया था, जिसके बाद से शौचालयों को बंद कर दिया गया है। लगभग 18 दिन बीत जाने के बावजूद नया ठेका नहीं मिल पाया है।


इस स्थिति के कारण खुले में शौच की समस्या उत्पन्न हो रही है, जिससे स्वच्छता पर सवाल उठ रहे हैं। बस स्टैंड पर रोजाना सैकड़ों यात्री आते हैं, और शौचालय बंद होने से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। यात्रियों का कहना है कि लंबी यात्रा के दौरान शौचालय की सुविधा न मिलना बहुत असुविधाजनक है। बस अड्डा जुलाना के इंचार्ज सुरेश रंगा ने बताया कि शौचालय नगरपालिका के अधीन है।


शौचालय पर ताला लगाने का कारण केवल नगरपालिका अधिकारी ही बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों की समस्याओं को देखते हुए जल्द समाधान होना चाहिए। जुलाना नगर पालिका के सचिव सौरभ जैन ने बताया कि शौचालयों की सफाई और देखरेख के लिए ठेकेदार का टेंडर 5 दिसंबर को समाप्त हो गया है। नए ठेकेदार के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है और लगभग 10 दिनों में नया टेंडर जारी किया जाएगा। इसके अलावा, नगरपालिका द्वारा शौचालयों को खोलकर सफाई करवाई जा रही है।