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तमिल अभिनेता श्रीनिवासन की गिरफ्तारी: 5 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला

तमिल अभिनेता श्रीनिवासन, जिन्हें पावरस्टार के नाम से जाना जाता है, को दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने 5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उन पर 1000 करोड़ रुपये के लोन दिलाने के बहाने ठगी करने का आरोप है। जांच में पता चला है कि उन्होंने फिल्म निर्माण और व्यक्तिगत उपयोग के लिए धन का दुरुपयोग किया। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत की पूरी कहानी जानें।
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तमिल अभिनेता श्रीनिवासन की गिरफ्तारी: 5 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला

पावरस्टार श्रीनिवासन की गिरफ्तारी

पावरस्टार श्रीनिवासन गिरफ्तार: तमिल सिनेमा के मशहूर अभिनेता श्रीनिवासन को दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया है। उन पर एक बड़े लोन धोखाधड़ी का आरोप है। उन्हें पहले ही दो बार भगोड़ा अपराधी घोषित किया जा चुका है। आरोप है कि उन्होंने 1000 करोड़ रुपये के लोन दिलाने के बहाने एक कंपनी से 5 करोड़ रुपये की ठगी की। ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी सामने आया है कि उन्होंने फिल्म निर्माण और व्यक्तिगत उपयोग के लिए धन का दुरुपयोग किया है। इसके अलावा, वह चेन्नई में 6 अन्य धोखाधड़ी के मामलों में भी शामिल पाए गए हैं।


मामले का विवरण

दिल्ली पुलिस के अनुसार, दिसंबर 2010 में शिकायतकर्ता कंपनी 'मेसर्स ब्लू कोस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड' से हेनरी लालरेमसंगा, दीपक बंगा, अनिल वार्ष्णेय और रामानुज मुववाला ने संपर्क किया। उन्होंने दावा किया कि वे होटल और कॉर्पोरेट निवेश के लिए 1000 करोड़ रुपये का लोन दिला सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि लोन नहीं मिला, तो 30 दिनों के भीतर प्रोसेसिंग फीस वापस कर दी जाएगी। इसके बाद, सलाहकारों ने शिकायतकर्ता को श्रीनिवासन से मिलवाया, जो मेसर्स बाबा ट्रेडिंग कंपनी के मालिक थे।


क्या हुआ?

लोन एग्रीमेंट के तहत, शिकायतकर्ता ने 5 करोड़ रुपये की प्रोसेसिंग फीस का भुगतान किया। लेकिन न तो लोन मिला और न ही 5 करोड़ रुपये वापस किए गए। गारंटी के रूप में दिया गया चेक भी अपर्याप्त शेष राशि के कारण स्वीकार नहीं किया गया। जांच में यह पाया गया कि 27 दिसंबर 2010 को शिकायतकर्ता कंपनी से 'मेसर्स बाबा ट्रेडिंग कंपनी' को 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जो बाद में श्रीनिवासन और उनकी पत्नी के खातों में चले गए। उन्होंने 50 लाख रुपये नकद निकाले और 4.5 करोड़ रुपये एक संयुक्त खाते में ट्रांसफर किए। इसके बाद 4 करोड़ रुपये की एक एफडी बनाई गई, जिसे जब्त कर लिया गया।


गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत

इस मामले की जांच के लिए श्रीनिवासन को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की गई। वह सबूत पेश नहीं कर सके, जिससे धोखाधड़ी का मामला स्पष्ट हो गया। उन्हें 27.09.2013 को अंतरिम जमानत मिली थी, जिसमें उन्हें 15 दिनों के भीतर 10 करोड़ रुपये चुकाने थे, लेकिन उन्होंने केवल 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया और फरार हो गए। अप्रैल 2016 में उन्हें उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया। 7 मार्च 2017 को फिर से गिरफ्तार किया गया और 2 जून 2017 को जमानत मिली। 14 नवंबर 2018 को उन्हें दूसरी बार उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया। अंततः, 27 जुलाई 2025 को चेन्नई से उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।