दिल्ली विश्वविद्यालय की 'जय हिंद योजना' से ST छात्रों को मिलेगा नया अवसर
दिल्ली विश्वविद्यालय की नई पहल
दिल्ली विश्वविद्यालय ने सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए 'जय हिंद योजना' की शुरुआत की है। यह योजना अनुसूचित जनजाति (ST) के छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य 'विकसित भारत 2047' की दृष्टि में जनजातीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना है।इस योजना के पहले चरण में मणिपुर के उखरुल जिले से टंगखुल नागा समुदाय के 24 छात्रों का चयन किया गया है। ये छात्र 17 से 30 जून तक चलने वाले 15-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेंगे, जो शैक्षणिक और तकनीकी कौशल के विकास पर केंद्रित है।
जय हिंद योजना का पूरा नाम है – Tribal Immersive Holistic Intervention for Novel Development (JAI HIND)। इसका मुख्य उद्देश्य 9वीं से 12वीं कक्षा के ST छात्रों को शिक्षा, कौशल और रोजगार से जोड़ना है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि यह केवल एक प्रशिक्षण शिविर नहीं है, बल्कि एक समावेशी भारत की नींव रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
छात्रों का चयन मणिपुर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष परीक्षा के माध्यम से किया गया, जिसमें 50% वेटेज परीक्षा के अंकों को दिया गया। शेष 50% अंक छात्रों की कक्षा परीक्षाओं के आधार पर निर्धारित किए गए। एक छात्रा की बीमारी के कारण अंतिम सूची में 24 छात्र शामिल किए गए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल विशेषताएँ हैं: बुनियादी कंप्यूटर ज्ञान, CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) की तैयारी, डिजिटल डॉक्यूमेंट्री निर्माण का प्रशिक्षण, और कौशल आधारित कार्यशालाएँ जैसे कि केक और बेकरी आइटम्स बनाना, जैम-जेली उत्पादन, मोती उत्पादन और प्रोसेसिंग, मछली पालन की तकनीक, और परफ्यूम निर्माण।
इन सभी सत्रों का उद्देश्य छात्रों को स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन, MSME मंत्रालय के संयुक्त सचिव छात्रों से मिलेंगे और उन्हें केंद्र सरकार की स्वरोजगार और उद्यमिता योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे, जिससे छात्र भविष्य में स्टार्टअप संस्कृति और अपने व्यवसाय की ओर प्रेरित हो सकेंगे।
