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बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर पर चीन के नए प्रतिबंध का असर

चीन द्वारा 2025 में लागू होने वाले नए निर्यात प्रतिबंध ने भारत के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को गंभीर संकट में डाल दिया है। बजाज ऑटो ने चेतावनी दी है कि इस प्रतिबंध के कारण बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। यदि आपूर्ति बाधित होती है, तो डिलीवरी में देरी हो सकती है। भारत ने इस समस्या का समाधान खोजने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिला है। इस स्थिति का प्रभाव न केवल भारत, बल्कि वैश्विक EV उद्योग पर भी पड़ेगा।
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बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर पर चीन के नए प्रतिबंध का असर

बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर का उत्पादन संकट

बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर उत्पादन तिथि: चीन द्वारा 2025 में लागू होने वाले नए निर्यात प्रतिबंध ने भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग को गंभीर चुनौती में डाल दिया है। जुलाई 2025 से शुरू होने वाले इस प्रतिबंध का प्रभाव ऑटोमोबाइल क्षेत्र, विशेषकर इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माताओं पर पड़ सकता है। भारत में सबसे अधिक बिकने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर 'बजाज चेतक' की निर्माता कंपनी बजाज ऑटो ने चेतावनी दी है कि इस प्रतिबंध के कारण उत्पादन में रुकावट आ सकती है। आइए, इस स्थिति का विस्तार से विश्लेषण करें।


बजाज चेतक इलेक्ट्रिक स्कूटर: चीन का प्रतिबंध और EV उद्योग


चीन ने जुलाई 2025 से रेयर अर्थ मैग्नेट्स (Rare Earth Magnets) के निर्यात पर कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ये सामग्री इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और अन्य महत्वपूर्ण घटकों के लिए आवश्यक हैं। वैश्विक बाजार में इनकी 80% आपूर्ति चीन से होती है। बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने बताया कि यह प्रतिबंध भारत के EV उद्योग के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। यदि आपूर्ति बाधित होती है, तो उत्पादन ठप हो सकता है, जिससे डिलीवरी में देरी हो सकती है।


बजाज चेतक पर खतरा


बजाज चेतक, भारत के सबसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक स्कूटरों में से एक है, जो पुणे के प्लांट में निर्मित होता है। कंपनी ने बताया कि रेयर अर्थ सामग्री की कमी के कारण इसका उत्पादन प्रभावित हो सकता है। मार्च तिमाही में कंपनी ने इस समस्या की आशंका जताई थी। अब इन्वेंट्री खत्म होने के कगार पर है। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो बजाज चेतक की डिलीवरी में देरी शुरू हो सकती है, जिससे ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।


भारत की कोशिशें और चुनौतियां


भारत ने चीन से रेयर अर्थ सामग्री के निर्यात के लिए लगभग 30 आवेदन भेजे हैं। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने 40-45 दिनों का समय मांगा है। इस अनिश्चितता ने भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। बजाज ऑटो ने भारत सरकार, चीनी दूतावास, और चीनी प्रांतीय सरकारों से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है। यह स्थिति जुलाई में उत्पादन पर भारी पड़ सकती है।


रेयर अर्थ मैग्नेट्स की आवश्यकता


रेयर अर्थ मैग्नेट्स में लिथियम, कोबाल्ट, और अन्य सामग्री शामिल हैं, जो इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी और मोटर के लिए आवश्यक हैं। चीन की वैश्विक आपूर्ति में 80% हिस्सेदारी इसे एक प्रमुख खिलाड़ी बनाती है। पहले कोविड-19 के दौरान सेमीकंडक्टर की कमी ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र को प्रभावित किया था। अब रेयर अर्थ मैग्नेट्स का यह प्रतिबंध नई चुनौती पेश कर सकता है। इससे न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया का EV उद्योग प्रभावित हो सकता है।


भारत को इस संकट से निपटने के लिए वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों की तलाश करनी होगी। सरकार और ऑटोमोबाइल कंपनियों को मिलकर दीर्घकालिक रणनीति विकसित करनी होगी। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि यदि वे बजाज चेतक या अन्य EV खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो डिलीवरी में देरी की संभावना को ध्यान में रखें। यह समय आत्मनिर्भर भारत के लिए रेयर अर्थ सामग्री के स्थानीय उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का है।