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बिहार के किसानों के लिए कीट प्रबंधन योजना: 75% तक अनुदान

बिहार के बागवानी किसानों के लिए एक नई योजना शुरू की गई है, जिसमें कीट प्रबंधन के लिए 75% तक अनुदान दिया जाएगा। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और फलों की फसलों की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से है। योजना के तहत आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसी फसलों पर अनुदान मिलेगा। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस योजना की जानकारी दी है, जिसमें किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया का पालन करना होगा। यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो उनकी मेहनत को और फलदायी बनाएगी।
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बिहार के किसानों के लिए कीट प्रबंधन योजना: 75% तक अनुदान

बिहार के बागवानी किसानों के लिए नई योजना

किसान अनुदान: बिहार के किसानों के लिए राहत की खबर: कीट प्रबंधन पर 75% तक अनुदान, फलों की फसल सुरक्षित: बिहार के बागवानी किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। राज्य सरकार ने "बगीचों एवं फसलों में कीट प्रबंधन योजना" की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और फलों की फसलों की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस योजना के अंतर्गत आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसी फसलों पर कीट नियंत्रण के लिए 50% से 75% तक अनुदान प्रदान किया जाएगा।


यह योजना न केवल किसानों को कीटों से होने वाले नुकसान से बचाएगी, बल्कि उनकी फसलों की उत्पादकता और बाजार मूल्य को भी बढ़ाएगी। यह पहल बिहार सरकार की किसान कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है और उद्यानिकी क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलती है।


उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि यह योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लागू की गई है। इसके तहत सरकार द्वारा अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा।


आम के पेड़ों के लिए पहले छिड़काव की लागत 57 रुपये प्रति पेड़ और दूसरे छिड़काव की लागत 72 रुपये प्रति पेड़ होगी, जिसमें एक किसान अधिकतम 112 पेड़ों तक लाभ उठा सकता है। लीची के लिए पहले छिड़काव की लागत 162 रुपये और दूसरे की 114 रुपये प्रति पेड़ होगी, जिसमें 84 पेड़ों तक सुविधा उपलब्ध होगी। अमरूद के लिए 33 रुपये और 45 रुपये प्रति पेड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा।


केला और पपीता की फसलों के लिए प्रति एकड़ 50% अनुदान निर्धारित किया गया है, जिसमें पहले छिड़काव की लागत 2150 रुपये और दूसरे की 2000 रुपये होगी। यह अनुदान फसलों को कीटों और रोगों से बचाने में मदद करेगा। किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।


यह प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी होगी, ताकि हर जरूरतमंद किसान तक लाभ पहुंचे। यह योजना बिहार के किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो उनकी मेहनत को और फलदायी बनाएगी।