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भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन: Namo Green Rail की तैयारी पूरी

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, Namo Green Rail, अब यात्रियों के लिए तैयार है। इस ट्रेन ने हाल ही में लोड टेस्ट पास किया है और इसकी अंतिम कमीशनिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली है। रेल मंत्रालय की हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज योजना के तहत, यह ट्रेन पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए विकसित की गई है। जानें इसके फील्ड ट्रायल, हॉर्स पावर क्षमता और अन्य विशेषताओं के बारे में।
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भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन: Namo Green Rail की तैयारी पूरी

Namo Green Rail: हाइड्रोजन ट्रेन की तैयारी

Namo Green Rail : भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन अब यात्रियों के लिए तैयार है। हाल ही में इस ट्रेन ने लोड टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिया है और अब इसे चालू करने की अंतिम तैयारी की जा रही है। इसका अंतिम कमीशनिंग चरण (Final Commissioning Phase) जल्द ही शुरू होने वाला है।


हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज योजना
रेल मंत्रालय की हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज योजना के तहत देश के विभिन्न ऐतिहासिक और पहाड़ी मार्गों पर 35 हाइड्रोजन ट्रेनें चलाने की योजना बनाई गई है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा विकसित इस पहल का उद्देश्य हरित परिवहन तकनीक को बढ़ावा देना और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से शून्य-कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों को प्राप्त करना है।


पावरफुल हाइड्रोजन ट्रेन
यह ट्रेन न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि इसे दुनिया की सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन ट्रेन के रूप में विकसित किया गया है।


फील्ड ट्रायल
पहली हाइड्रोजन ट्रेन का फील्ड ट्रायल हरियाणा के 89 किलोमीटर लंबे जींद से सोनीपत रूट पर किया जाएगा। ये स्टेशन उत्तर रेलवे के दिल्ली डिवीजन के अंतर्गत आते हैं।


हॉर्स पावर क्षमता
भारत की हाइड्रोजन-संचालित इंजन अनुसंधान, डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा विकसित किया गया है। जबकि अधिकांश हाइड्रोजन ट्रेनें 500-600 हॉर्सपावर की होती हैं, भारत ने 1,200 हॉर्स पावर क्षमता वाला इंजन तैयार किया है। यह ट्रेन दुनिया की सबसे लंबी 10 कोच वाली और सबसे अधिक पावर 2,400 किलोवाट वाली हाइड्रोजन ट्रेन होगी।