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भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास में योग का अनोखा सत्र: सैनिकों के लिए मानसिक और शारीरिक संतुलन

भारत और फ्रांस के बीच चल रहे 'शक्ति-VIII' सैन्य अभ्यास के तहत एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सैनिकों के शारीरिक और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देना था। जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन के प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में भारतीय और फ्रांसीसी सैनिकों ने भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी माध्यम बना। जानें इस अनोखे सत्र की थीम और इसके महत्व के बारे में।
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भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास में योग का अनोखा सत्र: सैनिकों के लिए मानसिक और शारीरिक संतुलन

विशेष योग सत्र का आयोजन

भारत और फ्रांस के बीच चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति-VIII' के तहत शुक्रवार को फ्रांस के ला कावलेरी में स्थित कैंप लारजैक में एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य सैनिकों के शारीरिक और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देना था.


सत्र का फोकस

सत्र में किस पर ध्यान केंद्रित किया गया?


इस योग सत्र में भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन के प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने मार्गदर्शन किया। भारतीय और फ्रांसीसी दोनों देशों के सैन्य कर्मियों ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्र में योग के विभिन्न आसनों, श्वास तकनीकों और मानसिक लाभों पर विशेष ध्यान दिया गया.


कार्यक्रम की थीम

इस कार्यक्रम की थीम क्या है?


इस आयोजन ने न केवल सैन्यकर्मियों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति को बढ़ावा दिया, बल्कि यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बना। योग की सार्वभौमिकता और 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की भावना इस कार्यक्रम की केंद्रीय थीम रही। दोनों देशों के सैनिकों ने इस प्राचीन भारतीय परंपरा को उत्साह और सम्मान के साथ अपनाया.


यह आयोजन केवल योगाभ्यास तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके माध्यम से भारतीय सेना ने वैश्विक स्वास्थ्य, संस्कृति और सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दर्शाया। योग जैसे अभ्यास ने दोनों सेनाओं के बीच न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ाया, बल्कि आपसी समझ और एकता को भी मज़बूत किया.