Newzfatafatlogo

भारत में SUV का बढ़ता प्रभुत्व: कार खरीदने की सोच में बदलाव

भारत में SUV का बाजार हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है, जबकि हैचबैक कारों की बिक्री में कमी आई है। यह बदलाव दर्शाता है कि अब कार केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि पहचान और जीवनशैली का प्रतीक बन गई है। ऑटो कंपनियाँ इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रही हैं। जानें कैसे खरीदारों की सोच में यह बदलाव आया है और क्यों वे अब स्टाइल और स्टेटस को प्राथमिकता दे रहे हैं।
 | 
भारत में SUV का बढ़ता प्रभुत्व: कार खरीदने की सोच में बदलाव

SUV का उदय और बाजार में बदलाव


डिजिटल डेस्क- (SUVs) भारत का ऑटो बाजार एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसमें SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) अब केवल एक कार सेगमेंट नहीं, बल्कि पहचान और आकांक्षा का प्रतीक बन गई है. SOIC रिसर्च के अनुसार, यह एक स्थायी बदलाव है. पिछले पांच वर्षों में एंट्री-लेवल हैचबैक कारों की बिक्री में गिरावट यह दर्शाती है कि पहली बार कार खरीदने वालों के लिए अब सस्ती कीमत ही प्राथमिकता नहीं रह गई है.


बाजार हिस्सेदारी में बदलाव

आंकड़ों के अनुसार, SUV का बाजार हिस्सा 52% तक पहुंच गया है, जबकि हैचबैक कारों का हिस्सा घटकर केवल 26% रह गया है, जो पिछले 20 वर्षों में सबसे कम है. वित्त वर्ष 2024 में SUVs की बिक्री में 23% की वृद्धि हुई, जबकि हैचबैक की बिक्री में 17% की कमी आई. यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है उस बाजार के लिए, जहां पहले छोटी कारों का दबदबा था.


कार की नई पहचान

अब कार सिर्फ जरूरत नहीं, पहचान है-

रिपोर्ट के अनुसार, कार अब केवल एक आवश्यकता नहीं रह गई है, बल्कि यह पहचान और जीवनशैली का हिस्सा बन गई है. खरीदार अब कार में डिजाइन, तकनीक, आराम और स्टाइल की भी तलाश कर रहे हैं. कार अब केवल यात्रा का साधन नहीं, बल्कि स्टेटस और व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का प्रतीक बन चुकी है.


ऑटो कंपनियों की नई रणनीतियाँ

कंपनियों की नई रणनीति-

ऑटो कंपनियाँ इस बदलाव को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रही हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने स्पष्ट किया है कि वे अब सेडान, हैचबैक या छोटी SUVs का निर्माण नहीं करेंगी. कंपनी के एमडी और सीईओ आनंद शाह ने कहा कि उनका ध्यान अब केवल SUVs पर है. टाटा मोटर्स भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है, जहां उनकी नई SUVs नेक्सन, पंच और हैरियर बिक्री को तेजी से बढ़ा रही हैं. टाटा पैसेंजर व्हीकल्स के एमडी शैलेश चंद्रा ने बताया कि SUV सेगमेंट में उनकी वृद्धि उद्योग के औसत से कहीं अधिक है. यहां तक कि छोटी कारों के लिए जानी जाने वाली मारुति सुजुकी भी इस बदलाव को स्वीकार कर रही है, और कंपनी का मानना है कि भारत अब छोटी कारों से बड़ी और बेहतर कारों की ओर बढ़ रहा है.


खरीदार की सोच में बदलाव

बदली है खरीदार की सोच-

पहले, कार खरीदने वाले सबसे सस्ती चारपहिया गाड़ी को प्राथमिकता देते थे, लेकिन अब ग्राहकों की सोच में बदलाव आ चुका है. वे ऐसी कारें पसंद कर रहे हैं जो ऊँची, मजबूत और आधुनिक फीचर्स से लैस हों, भले ही इसके लिए उन्हें बजट बढ़ाना पड़े या लंबी EMI लेनी पड़े. SOIC रिपोर्ट के अनुसार, आय में वृद्धि, आसान लोन सुविधाएँ, और खरीदारी में गर्व की भावना इस बदलाव के प्रमुख कारण हैं. यह दर्शाता है कि अब ग्राहक केवल सुविधा नहीं, बल्कि स्टाइल और स्टेटस भी चाहते हैं.