भारत में क्रैनबेरी का बढ़ता प्रचलन: एक सुपरफ्रूट की कहानी
क्रैनबेरी का भारतीय रसोई में प्रवेश
भारत में क्रैनबेरी, जो पहले पश्चिमी देशों में लोकप्रिय थी, अब भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि इसे विभिन्न व्यंजनों में भी शामिल किया जा रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में क्रैनबेरी का आयात पिछले दो वर्षों में 52.28% बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 2080 मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 3166 मीट्रिक टन हो गया है।अमेरिकी क्रैनबेरी का आयात भी 61.85% बढ़ा है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका भारत में क्रैनबेरी का प्रमुख स्रोत बन गया है। क्रैनबेरी इंस्टीट्यूट ने इस फल को भारतीय बाजार में लोकप्रिय बनाने के लिए कई रणनीतियाँ अपनाई हैं, जिसमें खाद्य उत्सव और शेफ के साथ सहयोग शामिल हैं।
क्रैनबेरी की बढ़ती मांग का मुख्य कारण इसके स्वास्थ्य लाभ हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर सामग्री के कारण, यह भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक आदर्श आहार पूरक बन गया है। इसके अलावा, यह भारतीय व्यंजनों में भी आसानी से समाहित हो रहा है, जैसे कि क्रैनबेरी लड्डू और पुलिहोरा में इसका उपयोग।
सेलिब्रिटी शेफ जैसे मनीष मेहरोत्रा ने भी क्रैनबेरी आधारित व्यंजनों को बढ़ावा दिया है, जिससे यह फल और भी लोकप्रिय हो रहा है। सोशल मीडिया पर #CranberryLife ने इसे एक ट्रेंड बना दिया है, जहां इन्फ्लुएंसर्स इसके विभिन्न उपयोग दिखा रहे हैं।
भारत में मिलेनियल और जेन जेड उपभोक्ताओं के बीच क्रैनबेरी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। यह सूखे क्रैनबेरी को चिया बीज और क्विनोआ के साथ मिलाकर विभिन्न स्वस्थ व्यंजनों में शामिल किया जा रहा है।
जैसे-जैसे गर्मी का मौसम आ रहा है, क्रैनबेरी भारतीय घरों में ताजगी लाने वाला एक महत्वपूर्ण घटक बनता जा रहा है। इसके स्वास्थ्य लाभ और पाक कला की विविधता ने इसे भारतीय खाद्य परिदृश्य में एक स्थायी स्थान दिला दिया है।
