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भारतीय ऑटोमोबाइल में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग का महत्व

भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। ग्राहक अब कार खरीदते समय सुरक्षा मानकों पर भी ध्यान दे रहे हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि 5-स्टार रेटिंग कैसे निर्धारित की जाती है, क्रैश टेस्ट की प्रक्रिया क्या होती है, और भारत में इसकी आवश्यकता क्यों है। साथ ही, हम मारुति विर्टुस की 5-स्टार रेटिंग और इसके सुरक्षा फीचर्स पर भी चर्चा करेंगे।
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भारतीय ऑटोमोबाइल में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग का महत्व

5-स्टार सेफ्टी रेटिंग: क्या है इसका महत्व?

आजकल भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में '5-स्टार सेफ्टी रेटिंग' एक चर्चित विषय बन गया है। ग्राहक अब नई कार खरीदते समय केवल माइलेज और डिज़ाइन पर ध्यान नहीं देते, बल्कि सुरक्षा मानकों पर भी ध्यान दे रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये 5-स्टार रेटिंग कैसे निर्धारित की जाती है? क्रैश टेस्ट की प्रक्रिया क्या होती है और इसका वास्तविक जीवन में क्या महत्व है? आइए, इन सवालों के उत्तर जानते हैं।


क्रैश टेस्ट का उद्देश्य

क्रैश टेस्ट का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि सड़क पर दुर्घटना के समय कार अपने सवारियों को कितनी सुरक्षा प्रदान कर सकती है। हर साल सड़क हादसों में लाखों लोग घायल होते हैं या अपनी जान गंवाते हैं। इस संदर्भ में, कार की मजबूती, एयरबैग्स, सीट बेल्ट्स और अन्य सुरक्षा उपकरणों की प्रभावशीलता का आकलन क्रैश टेस्ट के माध्यम से किया जाता है।


ये टेस्ट कौन करता है?

वैश्विक स्तर पर NCAP (New Car Assessment Program) जैसी एजेंसियां इन टेस्टों का संचालन करती हैं। भारत में हाल ही में Bharat NCAP की शुरुआत की गई है। इसके अलावा, यूरोपियन NCAP, लैटिन NCAP और ग्लोबल NCAP भी प्रमुख संस्थाएं हैं जो विभिन्न बाजारों में बेची जाने वाली कारों का मूल्यांकन करती हैं।


स्टार रेटिंग कैसे निर्धारित होती है?

क्रैश टेस्ट के बाद, डमी पर लगे सेंसर से डेटा एकत्र किया जाता है। यह डेटा बताता है कि इंसान के सिर, छाती, पैरों और रीढ़ की हड्डी को कितनी चोट लग सकती है। इसके आधार पर कार को स्कोर दिया जाता है।


0 से 1 स्टार: बेहद कम सुरक्षा
2 से 3 स्टार: औसत सुरक्षा
4 स्टार: अच्छी सुरक्षा
5 स्टार: उच्चतम स्तर की सुरक्षा


क्या 5-स्टार का मतलब 100% सुरक्षा है?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग का मतलब यह नहीं है कि कार 100% सुरक्षित है। यह केवल यह दर्शाता है कि कार अन्य मॉडलों की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है। वास्तविक दुर्घटनाओं में गति, टक्कर और सड़क की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है। 5-स्टार रेटिंग के बाद कारों की बिक्री में तेजी आती है।


भारत में 5-स्टार रेटिंग का महत्व

भारत में हर दिन हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। ऐसे में ग्राहकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि उनकी कार न केवल दिखने में आकर्षक हो, बल्कि सुरक्षा के मामले में भी मजबूत हो। यही कारण है कि टाटा नेक्सॉन और महिंद्रा XUV300 जैसी कारों की बिक्री उनकी 5-स्टार रेटिंग के बाद तेजी से बढ़ी है।


मारुति विर्टुस की शुरुआती कीमत लगभग 10.50 लाख रुपए से 19.99 लाख रुपए तक है।


मारुति विर्टुस की 5-स्टार रेटिंग

हाल ही में लॉन्च हुई मारुति विर्टुस को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग प्राप्त हुई है। इसकी शुरुआती कीमत लगभग 10.50 लाख रुपए से 19.99 लाख रुपए तक है। इसमें सुरक्षा के लिए 6 एयरबैग, लेवल-2 ADAS, 360-डिग्री कैमरा, ABS और ESP जैसे फीचर्स शामिल हैं।