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भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग में किया बड़ा बदलाव

भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे आधार से प्रमाणित उपयोगकर्ता अब एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के पहले दिन रात बारह बजे तक टिकट बुक कर सकेंगे। यह निर्णय यात्रियों को फर्जी बुकिंग से बचाने और वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है। जानें इस नए नियम का क्या प्रभाव पड़ेगा और यात्रियों को क्या लाभ मिलेंगे।
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भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग में किया बड़ा बदलाव

नए नियमों का परिचय

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग को और अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। रेल मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, आधार से प्रमाणित IRCTC उपयोगकर्ता अब एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के पहले दिन रात बारह बजे तक आरक्षित टिकट बुक कर सकेंगे। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।


बदलाव का उद्देश्य

कौन: भारतीय रेलवे
क्या: आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं के लिए टिकट बुकिंग का समय बढ़ाया गया
कब: एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के पहले दिन
कहां: केवल IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर
क्यों: फर्जी बुकिंग को रोकने और असली यात्रियों को प्राथमिकता देने के लिए
कैसे: आधार ऑथेंटिकेशन की समय सीमा बढ़ाकर


पहले के नियम

पहले रेलवे की नीति के अनुसार, जब भी किसी ट्रेन की एडवांस बुकिंग शुरू होती थी, तो शुरुआती समय में केवल आधार से जुड़े IRCTC खाते ही टिकट बुक कर सकते थे। यह सुविधा पहले पंद्रह मिनट तक सीमित थी, जिसे बाद में सुबह आठ बजे से दस बजे तक बढ़ाया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बुकिंग के शुरुआती समय में वास्तविक यात्रियों को टिकट मिल सके।


नए नियमों में क्या बदलाव हुआ है

रेलवे बोर्ड ने अब इस समय सीमा को और बढ़ा दिया है। नए निर्देशों के अनुसार, एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के पहले दिन रात बारह बजे तक केवल आधार प्रमाणित IRCTC खाते ही सामान्य आरक्षित टिकट बुक कर सकेंगे। यह जानकारी रेलवे बोर्ड ने सभी प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों को भेजे गए आधिकारिक पत्र में दी।


बदलाव की आवश्यकता

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ऑनलाइन टिकट बुकिंग में हर साल करोड़ों यात्री शामिल होते हैं। आंकड़ों के अनुसार, IRCTC पर प्रतिदिन औसतन साठ लाख से अधिक टिकट बुक होते हैं। ऐसे में दलालों द्वारा फर्जी आईडी का उपयोग, बुकिंग के शुरुआती मिनटों में सीट ब्लॉक करना, और वास्तविक यात्रियों को नुकसान जैसी समस्याएं लगातार सामने आ रही थीं।


यात्रियों पर प्रभाव

इस नए निर्णय से आम यात्रियों को कई लाभ मिल सकते हैं। लंबी दूरी की ट्रेनों में सीट मिलने की संभावना बढ़ेगी, एजेंट आधारित बुकिंग पर नियंत्रण होगा, पारदर्शिता और भरोसा मजबूत होगा, और एक व्यक्ति कई फर्जी अकाउंट से टिकट नहीं ले पाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में रेलवे का एक मजबूत संकेत है।


PRS काउंटर पर नियम

रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि कंप्यूटरीकृत PRS काउंटरों से टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह नया नियम केवल IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए की जाने वाली ऑनलाइन बुकिंग पर लागू होगा।


भविष्य की संभावनाएं

रेलवे आने वाले समय में आधार आधारित वेटिंग लिस्ट प्राथमिकता, संदिग्ध अकाउंट की ऑटो पहचान, और टिकट कैंसलेशन पर बेहतर ट्रैकिंग जैसे सुधारों पर भी काम कर सकता है। इससे डिजिटल टिकटिंग सिस्टम और अधिक सुरक्षित और यात्रियों के हित में बनने की उम्मीद है।