महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बदलाव, जानें नए समय

महाकाल मंदिर का महत्व
महाकाल मंदिर का समय: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, जिसे महाकाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भक्तों की गहरी आस्था का केंद्र है। यह मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। 19 अगस्त 2025 से मंदिर के कपाट खुलने और भस्म आरती के समय में परिवर्तन होने जा रहा है।
19 अगस्त से दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन
18 अगस्त 2025 को मंदिर में भव्य राजसी सवारी निकाली जाएगी, जिसके बाद अगले दिन से दर्शन व्यवस्था में बदलाव होगा। मंगलवार से सुबह 4 बजे भगवान महाकाल जागेंगे और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। जैसे ही कपाट खुलेंगे, भस्म आरती का आयोजन होगा। रात में 11 बजे शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
40 मंदिरों में दर्शन की समस्या
हाल ही में, साक्षी गोपाल, सिद्धि विनायक गणेश सहित परिसर के 40 मंदिरों में श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं मिल रही है। इस दौरान केवल 4 नंबर गेट से श्रद्धालुओं को परिसर में प्रवेश की अनुमति है। पिछले डेढ़ महीने से, सोमवार से शनिवार तक मंदिर के कपाट 3 बजे खोले जा रहे हैं, जबकि रविवार को रात 2.30 बजे कपाट खुलते हैं।
भीड़ नियंत्रण की कमी
मंदिर में अक्सर भीड़ नियंत्रण की समस्या उत्पन्न होती है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को परिसर में प्रवेश से रोका जाता है। इससे भक्तों को 40 धार्मिक मंदिरों में दर्शन का लाभ नहीं मिल पा रहा है, और पुजारियों को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।