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महिला की नई थार का शगुन बन गया मुसीबत, जानें इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा या नहीं

दिल्ली में एक महिला की नई महिंद्रा थार का शगुन बन गया मुसीबत, जब उन्होंने शुभता के लिए नींबू कुचलने की कोशिश की। गाड़ी बेकाबू होकर शोरूम से बाहर गिर गई, जिससे महिला को चोटें आईं। अब सवाल यह है कि क्या इस स्थिति में उन्हें इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा या नहीं। जानें इस अनोखे हादसे के पीछे की कहानी और क्या है इस घटना से सीखने योग्य बातें।
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महिला की नई थार का शगुन बन गया मुसीबत, जानें इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा या नहीं

महिंद्रा थार का अनोखा हादसा

Car Insurance Claim: एक महिला नई महिंद्रा थार खरीदने गईं, नींबू कुचलते ही गाड़ी शोरूम से बाहर निकल गई और टूट गई! क्या अब मिलेगा इंश्योरेंस?: दिल्ली | दिल्ली में एक अजीब घटना सामने आई है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है। एक महिला नई थार लेने शोरूम पहुंची थीं।


उन्होंने शुभता के लिए गाड़ी के नीचे नींबू रखकर उसे कुचलने का प्रयास किया, लेकिन अचानक गाड़ी बेकाबू हो गई। थार ने शोरूम की पहली मंजिल का शीशा तोड़ते हुए नीचे गिर गई। गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, और महिला को भी चोटें आईं।


वर्तमान में उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। अब यह सवाल उठता है कि क्या ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस क्लेम मिलेगा या नहीं?


शगुन की रस्म बनी मुसीबत

महिला ने शुभ शुरुआत के लिए नींबू कुचलने की रस्म की, लेकिन यह उनके लिए परेशानी का कारण बन गई। गाड़ी बेकाबू होकर शोरूम के शीशे तोड़ते हुए नीचे गिर गई।


इस दुर्घटना ने न केवल गाड़ी को नुकसान पहुंचाया, बल्कि महिला को भी अस्पताल पहुंचा दिया। अब हर कोई जानना चाहता है कि इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा?


डिलीवरी से पहले नुकसान: डीलर की जिम्मेदारी

यदि गाड़ी ग्राहक को सौंपी नहीं गई है और ट्रांसपोर्ट या शोरूम में ही क्षति हो जाती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी डीलर या कंपनी की होती है। ऐसी स्थिति में ग्राहक को नई गाड़ी या पूरा क्लेम मिल सकता है।


डिलीवरी के बाद नुकसान: ग्राहक की जिम्मेदारी

हालांकि, यदि गाड़ी की चाबी ग्राहक को सौंप दी गई है और डिलीवरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो गाड़ी की जिम्मेदारी ग्राहक की होती है। यदि ग्राहक की गलती से गाड़ी को नुकसान होता है, तो उसे इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत क्लेम करना होगा।


इस केस में क्या होगा?

इस मामले में गाड़ी की चाबी और नियंत्रण महिला के पास था। हादसा भी उनकी वजह से हुआ। ऐसे में न तो डीलर और न ही कंपनी जिम्मेदार होगी। यदि गाड़ी का इंश्योरेंस तुरंत सक्रिय हो चुका है, तो महिला क्लेम के लिए आवेदन कर सकती हैं। लेकिन यदि इंश्योरेंस शुरू नहीं हुआ है, तो नुकसान का पूरा खर्च उन्हें खुद उठाना पड़ सकता है।


क्या है सबक?

इस घटना से एक महत्वपूर्ण सबक मिलता है। गाड़ी की डिलीवरी लेते समय उसे सुरक्षित स्थान पर चलाएं। कोई भी धार्मिक या शुभ रस्म शोरूम के बजाय बाहर खुले और सुरक्षित स्थान पर करें। जैसे ही चाबी आपके हाथ में आती है, गाड़ी की कानूनी जिम्मेदारी आपकी हो जाती है। सावधानी बरतें, ताकि ऐसा नुकसान न हो!