यमुना प्राधिकरण: वायरलेस सिटी बनाने की योजना

यमुना प्राधिकरण की नई पहल
उत्तर प्रदेश समाचार: यमुना प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र को पूरी तरह से वायरलेस सिटी में परिवर्तित करने की योजना बना रहा है। इस योजना के अंतर्गत, उच्च वोल्टेज विद्युत लाइनों, दूरसंचार और इंटरनेट केबल को भूमिगत डक्ट में स्थापित किया जाएगा। इससे शहर की सेवाएं निर्बाध रहेंगी और इसकी सौंदर्यात्मक अपील भी बनी रहेगी।
नया ट्रंक एक्सचेंज स्थापित किया जाएगा
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, जिले का सबसे बड़ा एक्सचेंज नोएडा सेक्टर-62 में स्थित है, जो प्रारंभिक चरण में यीडा फेज-1 के कुछ हिस्सों को सेवा प्रदान कर सकेगा। इसके अलावा, एक नया ट्रंक एक्सचेंज स्थापित किया जाएगा, जो भविष्य में सभी टेलीकॉम आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा। यह ट्रंक एक्सचेंज इतना बड़ा होगा कि फेज-1 के जेवर और बुलंदशहर में विकसित होने वाले पूरे क्षेत्र की जनसंख्या को कवर कर सके। बिजली और दूरसंचार विभाग का लक्ष्य पूरे क्षेत्र को वायरलेस सिटी में बदलना है।
शहर को स्मार्ट और वायरलेस बनाने की योजना
यमुना प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2041 के तहत, शहर को स्मार्ट और वायरलेस सिटी बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सभी उच्च वोल्टेज बिजली की तारें और टीवी केबल भूमिगत डक्ट में डाली जाएंगी, ताकि शहर में खंभों पर तारों का जाल न दिखे और दृश्य सौंदर्य बना रहे। इसके साथ ही, इंटरनेट और टेलीकॉम कनेक्टिविटी के लिए वाईफाई सिस्टम की योजना भी बनाई गई है। सड़कों के किनारे विशेष स्थानों पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी, जिससे डेटा, टेलीफोन और टीवी का ट्रैफिक सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंच सके। यह नेटवर्क मौजूदा और भविष्य की जनसंख्या की संचार आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक, सुरक्षित और निर्बाध सेवा सुनिश्चित करेगा।
शहर की सुंदरता पर असर नहीं पड़ेगा
यमुना प्राधिकरण ने मोबाइल टावर लगाने के लिए विशेष स्थानों का चयन करना शुरू कर दिया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास 20 किलोमीटर के दायरे में ऊँचाई सीमित होने के कारण वहां टावर नहीं लगाए जा सकते। इसलिए प्राधिकरण ने शहर में ऐसे सुरक्षित और उपयुक्त स्थान चिह्नित किए हैं, जहां नए मोबाइल टावर स्थापित किए जाएंगे। नए टावरों की योजना इस तरह बनाई जाएगी कि नेटवर्क सिग्नल मजबूत रहे और रखरखाव आसान हो, साथ ही शहर की सुंदरता और वास्तुकला पर कोई असर न पड़े।
बिजली आपूर्ति में सुधार
अधिकारियों का कहना है कि इस नए भूमिगत सिस्टम से लाइनमैनों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। अक्सर खंभों पर चढ़कर लाइन जोड़ते समय करंट के कारण दुर्घटनाएं होती रही हैं। नोएडा में पूर्व में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। भूमिगत नेटवर्क से ये जोखिम खत्म होंगे और शहर में जगह-जगह बिखरी तारों की समस्या भी दूर होगी। इसके अलावा, आंधी-तूफान या भारी बारिश में भी बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी, जिससे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के नागरिकों को स्थिर और सुरक्षित बिजली मिलेगी।