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राजस्थान में डूंगरपुर-बांसवाड़ा मार्ग पर नए बाईपास का निर्माण

राजस्थान में डूंगरपुर से बांसवाड़ा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 927 ए पर नए बाईपास का निर्माण पूरा हो गया है। इससे यात्रा की दूरी में लगभग 10 किलोमीटर की कमी आई है, जिससे यात्रियों का समय बचेगा। इस मार्ग का निर्माण 2013 में शुरू हुआ था और अब यह यात्रियों के लिए सुविधाजनक हो गया है। जानें इस बाईपास के निर्माण के पीछे की कहानी और इसके लाभों के बारे में।
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राजस्थान में डूंगरपुर-बांसवाड़ा मार्ग पर नए बाईपास का निर्माण

राष्ट्रीय राजमार्ग 927 ए पर बाईपास का निर्माण


राष्ट्रीय राजमार्ग 927 ए सागवाड़ा बाईपास: राजस्थान के डूंगरपुर से मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की सीमा तक फैले इस मार्ग पर डूंगरपुर-बांसवाड़ा यात्रा करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है। गढ़ी प्रतापपुर और संगवाड़ा के दो बाईपास का निर्माण अब पूरा हो चुका है। इन बाईपास के चलते डूंगरपुर से बांसवाड़ा के बीच की दूरी लगभग 10 किलोमीटर कम हो गई है, जिससे यात्रियों का समय बचाने में मदद मिलेगी।


इस मार्ग के निर्माण की योजना 2013 में बनाई गई थी। 311 किलोमीटर लंबे इस राष्ट्रीय राजमार्ग को दो लेन वाले पव्ड शेल्टर में परिवर्तित किया गया है। बांसवाड़ा से दानापुर तक का कार्य राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम द्वारा किया गया है। इसके बाद, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने बांसवाड़ा से वजवाना तक 18 किलोमीटर का कार्य जनवरी 2020 में पूरा किया था।


भारी वाहनों का मार्ग परिवर्तन


वर्ष 2020-21 की वार्षिक कार्य योजना के तहत गढ़ी-परतापुर बाईपास को स्वीकृति मिली। यह साढ़े छह किलोमीटर लंबा बाईपास अगरपुरा चौराहे से होते हुए खेड़ा में निकलता है। वर्तमान बांसवाड़ा मार्ग पर खेड़ा से आगे नवागांव, भगोरा मोड़, बेड़वा, परतापुर, गढ़ी, चौपासांग, कुमजी का पारड़ा, मोर आदि गांव भारी वाहनों के आवागमन से मुक्त रहेंगे। वर्तमान में खेड़ा से अगरपुरा चौराहे के बीच की दूरी 16 किलोमीटर है।


साढ़े छह किलोमीटर का बाईपास बनने के बाद मुख्य मार्ग से लगभग साढ़े नौ किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। इसके अलावा, खेड़ा से अगरपुरा बाईपास मार्ग के बीच चाप नदी पर एक हाइलेवल पुल का निर्माण भी किया गया है। वहीं, 8.90 किलोमीटर का सागवाड़ा बाईपास कार्य अंतिम चरण में है। इस मार्ग पर वरदा गांव का बाईपास बनाया गया है, जिससे वाहन चालकों को वरदा गांव में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।


दूरी में कमी का प्रभाव


पहले डूंगरपुर-बांसवाड़ा के बीच की दूरी लगभग 110 किलोमीटर थी, जो अब घटकर 100 किलोमीटर रह गई है। अब वाहन चालकों को वरदा गांव, सागवाड़ा शहर, गढ़ी और परतापुर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे वाहन चालक अब अपने गंतव्य तक कम समय में पहुंच सकेंगे। सागवाड़ा शहर और गढ़ी-परतापुर का बाईपास निर्माण होने से इन शहरों में बड़े वाहनों का प्रवेश बिना बाईपास के ही संभव होगा, जिससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।


दोनों बाईपास के लिए 187.65 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। कुल 15.40 किलोमीटर के इन बाईपास में सिविल कार्य, सड़क और पुल निर्माण पर 88 करोड़ रुपए की लागत आई है। शेष राशि भूमि अधिग्रहण, हाइटेंशन लाइन शिफ्टिंग, पाइपलाइन शिफ्टिंग और अन्य कार्यों पर खर्च की गई है। वजवाना से सागवाड़ा तक 36 किलोमीटर के कार्य के लिए 48 करोड़ और सागवाड़ा से मोतली मोड़, डूंगरपुर तक के 62 किलोमीटर के कार्य के लिए 151 करोड़ रुपए की निविदा हुई थी।