लीची और आम की फसल के लिए महत्वपूर्ण खेती के टिप्स

लीची और आम की खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
लीची और आम की फसल के लिए महत्वपूर्ण सुझाव: खाद डालने का सही तरीका और देखभाल: आम और लीची की खेती करने वाले किसानों के लिए अगस्त और सितंबर का महीना बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय की गई देखभाल अगले सीजन में अच्छी फसल का आधार बनाती है।
डॉ. संजय कुमार सिंह, जो डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, का कहना है कि इस समय खाद, छंटाई और रोग नियंत्रण जैसे कार्यों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
यदि किसान इस समय सही तकनीक का उपयोग करें, तो फल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार संभव है।
खाद डालने का सही तरीका: वैज्ञानिक सलाह
डॉ. सिंह के अनुसार, लीची और आम के पेड़ों में खाद डालने का सबसे प्रभावी तरीका है कि 9 इंच गहरा गोल गड्ढा बनाकर उसमें खाद डालें।
प्रत्येक पेड़ के लिए 550 ग्राम डीएपी, 850 ग्राम यूरिया और 750 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश को पेड़ से डेढ़ से दो मीटर दूर गड्ढे में डालना चाहिए। इसके साथ ही 20 से 25 किलो गोबर की सड़ी खाद भी आवश्यक है।
ये पोषक तत्व पेड़ की जड़ों तक पहुंचते हैं और अगली फसल के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
बीमार पेड़ों का उपचार पहले करें, फिर खाद डालें
यदि पेड़ किसी बीमारी से प्रभावित हैं, तो सबसे पहले उनका उपचार करना आवश्यक है।
फल तोड़ने के बाद का समय पेड़ की नई पत्तियों और टहनियों के विकास के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस समय खाद और दवाओं का प्रभाव भी बेहतर होता है।
पेड़ों की नियमित निगरानी करें और यदि बारिश के कारण खाद डालने में देरी हुई है, तो सितंबर का पहला सप्ताह अंतिम मौका है। इसके बाद खाद का प्रभाव कम हो सकता है।