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श्रीशैलम जलाशय में मानसून के दौरान पानी की रिकॉर्ड आवक

इस मानसून में श्रीशैलम जलाशय में पानी की रिकॉर्ड आवक देखी जा रही है, जिससे बांध अपनी अधिकतम क्षमता के करीब पहुँच गया है। अधिकारियों ने जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए गेट खोले हैं और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति से बचने के लिए सतर्कता बरती है। यह स्थिति किसानों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे फसलों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। जानें इस जलाशय की वर्तमान स्थिति और इसके महत्व के बारे में।
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श्रीशैलम जलाशय में मानसून के दौरान पानी की रिकॉर्ड आवक

श्रीशैलम जलाशय की स्थिति

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण श्रीशैलम जलाशय में इस वर्ष मानसून के दौरान पानी की अत्यधिक आवक देखी जा रही है। लगातार हो रही बारिश और ऊपरी क्षेत्रों से आ रहे जल के कारण बांध अपनी अधिकतम क्षमता के करीब पहुँच गया है, जिसके चलते अधिकारियों को गेट खोलने का निर्णय लेना पड़ा है।


जलाशय के अधिकारियों ने पानी के बढ़ते स्तर को देखते हुए सतर्कता बरती है। हाल के दिनों में श्रीशैलम बांध में पानी की रिकॉर्ड मात्रा दर्ज की गई है। जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश, विशेषकर कृष्णा नदी बेसिन में, इस जल प्रवाह का मुख्य कारण है।


बांध की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बढ़ते जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए, अधिकारियों ने अतिरिक्त जल को नागार्जुन सागर की ओर छोड़ने का निर्णय लिया है। इसके तहत, कई गेट खोले गए हैं, जिससे बड़ी मात्रा में पानी निचले इलाकों में छोड़ा जा रहा है।


यह कदम न केवल बांध की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है। अधिकारियों ने नदी किनारे रहने वाले लोगों, विशेषकर नागार्जुन सागर सहित डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में रहने वालों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।


श्रीशैलम बांध का भरना किसानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे रबी और खरीफ फसलों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह जलाशय केवल सिंचाई और पेयजल का स्रोत नहीं है, बल्कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए बिजली उत्पादन का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है।


जलाशय की वर्तमान स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और जल स्तर के अनुसार पानी छोड़ने की प्रक्रिया को समायोजित किया जा रहा है।