सेकेंड हैंड कार खरीदने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स

नई कार खरीदने का सही समय
त्योहारों के मौसम में नई गाड़ियों की खरीदारी बढ़ जाती है। हालांकि, हर किसी के लिए नई कार खरीदना संभव नहीं होता, क्योंकि बजट एक महत्वपूर्ण कारक होता है। ऐसे में सेकेंड हैंड कार खरीदना एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है। लेकिन, यदि थोड़ी सी भी लापरवाही बरती गई, तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसलिए पुरानी कार खरीदते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
इंजन और तकनीकी परीक्षण
किसी भी वाहन का मुख्य हिस्सा उसका इंजन होता है। इसलिए जब भी आप सेकेंड हैंड कार खरीदने का विचार करें, तो सबसे पहले उसे एक विश्वसनीय मैकेनिक से जांच करवाना चाहिए। मैकेनिक इंजन, गियर सिस्टम, कूलिंग सिस्टम, ब्रेक, टायर और एग्जॉस्ट की स्थिति की सही जानकारी दे सकता है। इससे आपको यह पता चलेगा कि कार की वर्तमान स्थिति क्या है और क्या वह मांगी गई कीमत के लायक है।
टेस्ट ड्राइव का महत्व
कागज़ों और मौखिक जानकारी पर भरोसा करने के बजाय, खुद कार चलाकर देखना बेहतर होता है। अक्सर डीलर या मालिक कार के कुछ पार्ट्स बदल देते हैं। इसलिए डील फाइनल करने से पहले एक लंबी टेस्ट ड्राइव अवश्य करें। इससे आपको इंजन की आवाज, ब्रेकिंग, गियर बदलने और स्मूथ ड्राइविंग जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेंगी।
कागजात की पूरी जांच
पुरानी कार खरीदने में सबसे बड़ा धोखा कागज़ात से संबंधित हो सकता है। इसलिए कार का आरसी, इंजन और चेसिस नंबर मिलाना न भूलें। कार का बीमा वैध होना चाहिए और सौदा तय होते ही बीमा अपने नाम ट्रांसफर करवा लें। इसके अलावा प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC), टैक्स और सर्विस रिकॉर्ड भी चेक करें। यदि कार लोन पर ली गई थी, तो बैंक से एनओसी और फॉर्म 35 लेना न भूलें, अन्यथा भविष्य में समस्याएँ हो सकती हैं।
सर्विस और मॉडिफिकेशन का रिकॉर्ड
कार का सर्विस रिकॉर्ड यह दर्शाता है कि पिछले मालिक ने गाड़ी की कितनी देखभाल की है। नियमित सर्विस से कार की परफॉर्मेंस और लाइफ दोनों में सुधार होता है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें कि कार में कोई ऐसे मॉडिफिकेशन न किए गए हों जो ट्रैफिक नियमों के खिलाफ हों, अन्यथा आपको बाद में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
यदि आप इंजन, टेस्ट ड्राइव, कागजात और सर्विस रिकॉर्ड पर ध्यान देंगे, तो आप एक बेहतरीन और भरोसेमंद सेकेंड हैंड कार आसानी से खरीद सकते हैं।