Newzfatafatlogo

स्कूटर बनाम बाइक: माइलेज की तुलना में क्या है अंतर?

भारत में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के बीच, स्कूटर और बाइक के माइलेज में अंतर महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों स्कूटरें आमतौर पर मोटरसाइकिलों की तुलना में कम माइलेज देती हैं। CVT ट्रांसमिशन, फ्यूल टैंक का आकार और राइडिंग स्टाइल जैसे कारकों का प्रभाव समझें। क्या स्कूटर की सुविधाएं माइलेज की कीमत पर आती हैं? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 | 
स्कूटर बनाम बाइक: माइलेज की तुलना में क्या है अंतर?

स्कूटर बनाम बाइक माइलेज: CVT का खेल

स्कूटर बनाम बाइक माइलेज CVT खेल: भारत में जहां पेट्रोल की कीमत लगभग 100 रुपये प्रति लीटर है, वहां ईंधन की दक्षता (माइलेज) किसी भी वाहन की लोकप्रियता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


फिर भी, स्कूटरों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, चाहे वे ऑफिस जाने वाले लोग हों, महिलाएं, डिलीवरी पार्टनर हों या छोटे व्यवसायी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्कूटरें आमतौर पर मोटरसाइकिलों की तुलना में कम माइलेज देती हैं? आइए इसके पीछे के मुख्य कारणों पर नजर डालते हैं...


1. CVT ट्रांसमिशन की ईंधन खपत

अधिकतर स्कूटरों में CVT (Continuously Variable Transmission) प्रणाली होती है। यह गियरबॉक्स अपने आप गियर बदलता है और इंजन को अधिकतर समय उच्च RPM (Revolutions Per Minute) पर चलाता है। उच्च RPM पर इंजन अधिक ईंधन खर्च करता है, जिससे माइलेज कम हो जाता है। दूसरी ओर, मोटरसाइकिलों में मैनुअल गियर सिस्टम होता है, जिससे राइडर अपनी इच्छानुसार गियर बदल सकता है और कम RPM पर गियर अपशिफ्ट करके बेहतर माइलेज प्राप्त कर सकता है।


2. फ्यूल टैंक का आकार

स्कूटरों में आमतौर पर छोटा फ्यूल टैंक होता है (5-6 लीटर तक), जबकि मोटरसाइकिलों में 10-15 लीटर तक का टैंक होता है। छोटे टैंक के कारण स्कूटरें कम दूरी तय कर पाती हैं, जिससे बार-बार रीफ्यूलिंग की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, मोटरसाइकिलें एक बार टैंक भरने पर लंबी दूरी तय कर सकती हैं, जिससे वे कुल मिलाकर अधिक ईंधन दक्षता प्रदान करती हैं।


3. राइडिंग स्टाइल का प्रभाव

माइलेज केवल मशीन पर निर्भर नहीं करता, बल्कि राइडर की ड्राइविंग स्टाइल पर भी निर्भर करता है। कुशल मोटरसाइकिल राइडर सही गियर और स्पीड पर इंजन को ऑप्टिमल स्तर पर रख सकता है, जिससे ईंधन की बचत होती है। जबकि स्कूटरों में ऑटोमैटिक CVT गियरबॉक्स राइडर को यह नियंत्रण नहीं देता, और अक्सर ट्रैफिक में बार-बार स्टार्ट-स्टॉप की स्थिति बनती है, जिससे ईंधन अधिक खर्च होता है।


निष्कर्ष

कुल मिलाकर, स्कूटर अपनी सुविधा, आसान हैंडलिंग और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन ये सुविधाएं माइलेज की कीमत पर आती हैं।