2025 में ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि: जानें क्या करें और क्या न करें

ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 2025
ITR Filing Deadline 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर्स के पास केवल एक दिन का समय बचा है। आयकर विभाग ने अभी तक ड्यू डेट बढ़ाने की कोई सूचना नहीं दी है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप समय पर अपना रिटर्न भरें। यदि आप समय पर ITR फाइल नहीं करते हैं, तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे जुर्माना, ब्याज और टैक्स रिफंड में देरी।
समय पर रिटर्न फाइल करने के लाभ
विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर रिटर्न फाइल करने से न केवल टैक्स अनुपालन सुनिश्चित होता है, बल्कि आपके वित्तीय रिकॉर्ड भी मजबूत रहते हैं। इसके अलावा, होम लोन और एजुकेशन लोन जैसी वित्तीय गतिविधियों के लिए भी ITR की आवश्यकता होती है। यदि आप डेडलाइन चूक जाते हैं, तो इसका नुकसान आपको ही होगा। आइए जानते हैं कि समय पर ITR फाइल न करने के क्या परिणाम हो सकते हैं और इसे ऑनलाइन कैसे आसानी से भरा जा सकता है।
समय पर रिटर्न फाइल करने के फायदे
समय पर ITR फाइल करने से आपका वित्तीय रिकॉर्ड साफ-सुथरा बना रहता है और आपको किसी प्रकार का जुर्माना या ब्याज नहीं देना पड़ता। इसके साथ ही, रिफंड की प्रक्रिया भी समय पर पूरी हो जाती है।
समय पर रिटर्न न भरने पर जुर्माना
यदि आप निर्धारित समय में ITR नहीं भरते हैं, तो 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जुर्माना देना होगा। 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों पर 5,000 रुपये और 5 लाख रुपये से कम आय वालों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
रिफंड में देरी
जिन टैक्सपेयर को टैक्स रिफंड मिलना है, उन्हें देरी से पैसा मिलेगा। इसका मतलब है कि समय पर रिटर्न फाइल न करना सीधे आपकी जेब पर असर डालेगा।
टैक्स बकाया पर ब्याज
यदि आपके ऊपर कोई टैक्स बकाया है और आपने ITR फाइल नहीं किया, तो उस पर अतिरिक्त ब्याज देना पड़ेगा। इससे आपकी टैक्स देनदारी और बढ़ जाएगी।
ITR फाइलिंग के लिए आवश्यक दस्तावेज
ITR फाइल करते समय आपके पास फॉर्म 16, फॉर्म 26AS और AIS, पैन कार्ड, आधार कार्ड, निवेश प्रमाण (PPF, FD, होम लोन ब्याज सर्टिफिकेट आदि) होना आवश्यक है। इनके बिना प्रक्रिया अधूरी रह सकती है।
ऑनलाइन ITR फाइल करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं।
- पैन और पासवर्ड से लॉग-इन करें।
- सही ITR फॉर्म का चयन करें।
- ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ विकल्प पर क्लिक करके प्रक्रिया शुरू करें।
- फॉर्म 26AS और AIS को ध्यान से चेक करें और गलत जानकारी को सुधारें।
- फॉर्म 16 से क्रॉस-वेरीफाई करने के बाद रिटर्न सब्मिट करें।
- अंत में आधार OTP या नेट बैंकिंग के जरिए ITR वेरीफाई करें।