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2025 में म्यूचुअल फंड्स में निवेश का नया रिकॉर्ड

साल 2025 म्यूचुअल फंड्स के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है, जिसमें सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश 3 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर के बीच निवेशकों ने 3.04 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया। इस लेख में जानें कि कैसे एसआईपी का बढ़ता निवेश भारतीय बाजार में दीर्घकालिक निवेश के प्रति निवेशकों की सोच को दर्शाता है।
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2025 में म्यूचुअल फंड्स में निवेश का नया रिकॉर्ड

म्यूचुअल फंड्स में ऐतिहासिक निवेश

साल 2025 म्यूचुअल फंड्स के निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है। इस दौरान सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश 3 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया, जो अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।


एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2025 के बीच निवेशकों ने एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड्स में 3.04 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया। यह आंकड़ा 2024 में 2.69 लाख करोड़ रुपए और 2023 में 1.84 लाख करोड़ रुपए था। इसमें इक्विटी, डेट और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में किया गया निवेश शामिल है।


इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक एक्टिव इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए 2.27 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जो पिछले साल के लिए 2.20 लाख करोड़ रुपए था।


ग्रॉस इक्विटी इनफ्लो में एसआईपी की हिस्सेदारी इस वर्ष 37 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि पिछले वर्ष यह 27 प्रतिशत थी। कुल एसआईपी इनफ्लो का 80 प्रतिशत हिस्सा सक्रिय इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है।


एसआईपी के माध्यम से लगातार बढ़ता निवेश यह दर्शाता है कि भारतीय निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से अनुशासन के साथ निवेश कर रहे हैं, जिससे संपत्ति निर्माण में मदद मिलेगी।


भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) नवंबर 2025 तक 80.80 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जिसमें एसआईपी एयूएम की हिस्सेदारी 16.53 लाख करोड़ रुपए यानी लगभग 20 प्रतिशत है।


हालांकि, 2025 में म्यूचुअल फंड इनफ्लो में लंपसम निवेश में कमी आई है। यह घटकर अक्टूबर 2025 में 3.9 लाख करोड़ रुपए पर आ गया, जो पिछले वर्ष 5.9 लाख करोड़ रुपए था।