2026 में भारत में होने वाला वैश्विक एआई सम्मेलन: प्रमुख नेता और तकनीकी दिग्गज होंगे शामिल
भारत में एआई पर केंद्रित वैश्विक सम्मेलन का आयोजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 से 20 फरवरी, 2026 तक नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के प्रभावों पर केंद्रित होगा। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों और प्रमुख तकनीकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
भारत की अपेक्षा है कि 'इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026' एआई पर एक सहमति घोषणा को प्राप्त करने में सहायक होगा, जिसमें समावेशी एजेंडा और एआई संसाधनों के लोकतांत्रिक वितरण पर चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन में भागीदारी और प्रमुख वक्ता
सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस कृष्णन ने बताया कि अमेरिका और चीन की भागीदारी भी सुनिश्चित है, जो वैश्विक एआई चर्चा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। अब तक लगभग 50 वैश्विक कंपनियों के प्रमुखों ने सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है, और 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की उम्मीद है।
कृष्णन ने कहा कि 15 से 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और 50 से अधिक देशों के मंत्री स्तर के प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। विशेष रूप से, वैश्विक दक्षिण के देशों, जैसे कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों की भागीदारी की संभावना है।
सम्मेलन के दौरान होने वाली गतिविधियाँ
प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन के दौरान एक मेगा एक्सपो का उद्घाटन करेंगे और 18 फरवरी को एक रात्रिभोज की मेज़बानी भी कर सकते हैं। इसके अलावा, वे 19 फरवरी को उद्घाटन समारोह, नेताओं की पूर्ण बैठक और सीईओ गोलमेज बैठक में भी भाग लेंगे।
सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख वैश्विक दिग्गजों में माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स, गूगल डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हैसाबिस, और अन्य शामिल हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य और अपेक्षित परिणाम
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य एआई से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर सभी पक्षों को एकत्रित करना है। इस बार, एआई की सुरक्षा के साथ-साथ इसके प्रभाव, समावेश और भविष्य में मिलने वाले लाभों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
संभावित घोषणाओं में एआई संसाधनों का लोकतंत्रीकरण, समान पहुंच और समावेशी विकास को समर्थन देने जैसे तत्व शामिल हो सकते हैं।
इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर एआई के उपयोग में असमानता को समाप्त करना और स्वास्थ्य, कृषि, शासन जैसे क्षेत्रों में 'बढ़िया समाधानों के लिए एआई' को बढ़ावा देना है।
