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E20 पेट्रोल: किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावना

E20 पेट्रोल की बढ़ती लोकप्रियता ने किसानों के लिए एक नया आर्थिक अवसर प्रस्तुत किया है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस पहल से सरकार को विदेशी मुद्रा की बचत भी होगी। जानें E20 पेट्रोल के लाभ, इसकी शुरुआत का उद्देश्य और माइलेज से जुड़ी चिंताओं का समाधान। इसके साथ ही, सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों का खंडन भी किया गया है।
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E20 पेट्रोल: किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावना

E20 पेट्रोल की बढ़ती लोकप्रियता

E20 पेट्रोल इंडिया, सिटी रिपोर्टर | नई दिल्ली: भारत में E20 पेट्रोल की बढ़ती मांग ने किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत किया है। इस वर्ष, E20 पेट्रोल से किसानों की आय लगभग 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा, यह कदम सरकार को 43,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करने में भी सहायता करेगा। यह जानकारी ऑटोमोटिव टेस्टिंग एजेंसी ARAI, तेल कंपनियों और वाहन निर्माताओं के संयुक्त बयान में साझा की गई है। E20 पेट्रोल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि यह किसानों को 'अन्नदाता' से 'ऊर्जादाता' में परिवर्तित कर रहा है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।


E20 पेट्रोल का उद्देश्य और शुरुआत

E20 पेट्रोल कार्यक्रम की शुरुआत 2001 में हुई थी, लेकिन अब यह तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। सरकार का उद्देश्य कच्चे तेल के आयात को कम करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस पहल के तहत अब तक 736 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है, जो 30 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। यह पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


पिछले 11 वर्षों में E20 का लाभ

पिछले 11 वर्षों में, E20 कार्यक्रम ने भारत को 1.44 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद की है। इस दौरान 245 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल के स्थान पर एथनॉल का उपयोग किया गया। इससे न केवल विदेशी मुद्रा की बचत हुई, बल्कि कच्चे तेल पर खर्च होने वाला धन अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहा है। किसानों द्वारा उत्पादित एथनॉल ने उन्हें एक नया आर्थिक आधार प्रदान किया है।


माइलेज की चिंताओं का समाधान

कई लोग E20 पेट्रोल के उपयोग से गाड़ियों की माइलेज में कमी की चिंता व्यक्त कर रहे हैं। बयान में स्पष्ट किया गया है कि माइलेज ड्राइविंग की आदतों, वाहन की उम्र, रखरखाव और टायरों की स्थिति पर निर्भर करती है, न कि एथनॉल की मात्रा पर। पुराने वाहनों पर परीक्षण में माइलेज में केवल मामूली कमी देखी गई है, जो चिंता का विषय नहीं है।


E20 पेट्रोल के लाभ

एथनॉल की ऑक्टेन रेटिंग 108.5 है, जबकि पेट्रोल की 84.4 है। इससे आधुनिक उच्च-संपीड़न इंजन बेहतर प्रदर्शन करते हैं, विशेषकर शहरी ड्राइविंग में। एथनॉल के मिश्रण से पेट्रोल की गुणवत्ता BS-VI मानकों के तहत RON 88 से बढ़कर RON 95 हो गई है, जिससे इंजन में नॉकिंग रुकती है और प्रदर्शन में सुधार होता है। यह गाड़ी की दक्षता और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है।


अफवाहों का खंडन

सोशल मीडिया पर E20 पेट्रोल के बारे में कई अफवाहें फैली हैं, जैसे कि फ्यूल टैंक में पानी घुसने या इंश्योरेंस कवर प्रभावित होने की बातें। ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि डीलर्स को एथनॉल ब्लेंडिंग से कोई शिकायत नहीं मिली है। सरकारी अधिकारियों और बीमा कंपनियों ने भी पुष्टि की है कि E20 पेट्रोल का उपयोग करने वाली गाड़ियों का बीमा और वारंटी पूरी तरह से मान्य रहेगा।