ईपीएफओ ने दिसंबर 2024 में नेट 16.05 लाख सदस्य जोड़े
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नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने दिसंबर 2024 में शुद्ध रूप से (नेट) 16.05 लाख सदस्य जोड़े हैं। इससे पिछले महीने नवंबर के दौरान ईपीएफओ ने 14.63 लाख सदस्यों को जोड़ा था, जो शुद्ध रूप से 9.69 फीसदी की वृद्धि है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि ईपीएफओ ने दिसंबर 2024 में नेट 16.05 लाख सदस्यों को जोड़ा हैं, जबकि नवंबर 2024 के दौरान ईपीएफओ ने 14.63 लाख सदस्यों को जोड़ा था। इस तरह ईपीएफओ से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या में शुद्ध रूप से 9.69 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, सालाना आधार पर दिसंबर 2023 की तुलना में शुद्ध सदस्यों की संख्या में 2.74 फीसदी की वृद्धि हुई है।
अंतिम पेरोल डेटा के मुताबिक ईपीएफओ ने दिसंबर, 2024 में लगभग 8.47 लाख नए सदस्यों को जोड़ा है। नए सदस्यों की संख्या से पता चलता है कि दिसंबर 2023 की तुलना में इसमें सालाना आधार पर 0.73 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस तरह नए ग्राहकों में वृद्धि का श्रेय बढ़ते रोजगार अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल आउटरीच कार्यक्रमों को दिया जा सकता है।
आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2024 के दौरान ईपीएफओ से जुड़ने वालों में 18-25 आयु वर्ग के सदस्यों का दबदबा रहा है। दिसंबर में 18-25 आयु वर्ग में 4.85 लाख नए सदस्य जुड़े हैं, जो इस दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 57.29 फीसदी है। वहीं, दिसंबर में जोड़े गए 18-25 आयु वर्ग के नए सदस्यों की संख्या नवंबर 2024 की तुलना में 0.91 फीसदी की वृद्धि और दिसंबर 2023 की तुलना में 0.92 फीसदी वृद्धि को दर्शाता है।
ईपीएफओ के जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2024 के लिए 18-25 आयु वर्ग के सदस्यों का शुद्ध पेरोल वृद्धि लगभग 6.85 लाख है, जो नवंबर 2024 की तुलना में 16.91 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। यह पहले की प्रवृत्ति के अनुरूप है, जो इंगित करता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, जो मुख्य रूप से पहली बार नौकरी प्राप्त करने वाले हैं।
आंकड़ों के मुताबिक पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि दिसंबर महीने के दौरान जोड़े गए कुल नए सदस्यों में से लगभग 2.22 लाख नई महिला सदस्य हैं। यह आंकड़ा दिसंबर 2023 की तुलना में सालाना आधार पर 6.34 फीसदी की महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। इसके साथ ही दिसंबर महीने के दौरान शुद्ध महिला पेरोल वृद्धि लगभग 1.5 लाख रही है।
पेरोल डेटा के आंकड़ों का राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि शीर्ष पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने करीब 59.84 फीसदी शुद्ध सदस्यों को जोड़ा है, जो दिसंबर के दौरान कुल मिलाकर करीब 9.60 लाख शुद्ध सदस्य जोड़े हैं। सभी राज्यों में से महाराष्ट्र 21.71 फीसदी शुद्ध सदस्यों को जोड़कर सबसे आगे है। इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने क्रमश: दिसंबर के दौरान कुल शुद्ध पेरोल का 5 फीसदी से अधिक सदस्यों को जोड़ा है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल 2018 के महीने से ईपीएफओ सितंबर 2017 से आगे की अवधि को कवर करते हुए पेरोल का डेटा जारी कर रहा है। मासिक पेरोल डेटा में आधार मान्य यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों की गिनती, ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्य और जो बाहर निकल गए, लेकिन फिर से सदस्य के रूप में शामिल हो गए, उन्हें शुद्ध मासिक पेरोल के लिए लिया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर