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EPFO के नए नियम 2025: बिना दस्तावेज़ निकासी की सुविधा और आसान प्रक्रिया

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2025 के लिए नए नियमों की घोषणा की है, जिसके तहत सदस्य बिना किसी दस्तावेज़ के अपने पीएफ बैलेंस को निकाल सकेंगे। इस निर्णय का उद्देश्य प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है। EPFO ने निकासी को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है और विशेष परिस्थितियों में कारण बताने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा, खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने का निर्देश भी दिया गया है। जानें इन नए नियमों के बारे में और कैसे ये लाखों कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
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EPFO के नए नियम 2025: बिना दस्तावेज़ निकासी की सुविधा और आसान प्रक्रिया

EPFO के नए नियमों की घोषणा


EPFO नए नियम 2025: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारियों की वित्तीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब EPFO के सदस्य बिना किसी दस्तावेज़ के अपने पूरे पीएफ बैलेंस को निकाल सकेंगे। यह निर्णय केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में 13 अक्टूबर को आयोजित केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में लिया गया। इसका उद्देश्य प्रक्रिया को सरल, तेज और पारदर्शी बनाना है।


निकासी प्रक्रिया में सुधार

EPFO ने 13 पुराने जटिल नियमों को समाप्त कर दिया है और अब निकासी को तीन मुख्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:



  • जरूरी आवश्यकताएं (जैसे शिक्षा, बीमारी, विवाह)

  • आवास संबंधी जरूरतें

  • विशेष परिस्थितियां (जैसे प्राकृतिक आपदा या बेरोजगारी)


इन श्रेणियों के अंतर्गत सदस्य कर्मचारी अब अपने और नियोक्ता के अंशदान सहित पूरा पीएफ बैलेंस निकाल सकते हैं। शिक्षा के लिए निकासी की सीमा को 10 गुना और विवाह के लिए 5 गुना तक बढ़ा दिया गया है, जिसके लिए कम से कम 12 महीने की सेवा आवश्यक होगी।


निकासी के लिए कारण बताने की आवश्यकता नहीं

संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई सदस्य विशेष परिस्थिति जैसे महामारी या प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है, तो उसे निकासी के लिए कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय दावों को अस्वीकार करने की दर को कम करेगा और सदस्यों को राहत प्रदान करेगा।


खाते में न्यूनतम राशि बनाए रखने का निर्देश

हालांकि सदस्य 100% निकासी कर सकते हैं, EPFO ने यह निर्देश दिया है कि खाते में न्यूनतम 25% राशि बनी रहनी चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सदस्यों को 8.25% वार्षिक ब्याज मिलता रहे और रिटायरमेंट के लिए चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता रहे।


बढ़ी हुई समय सीमा

अब निकासी की प्रक्रिया पूरी तरह से स्वचालित कर दी गई है। इसके लिए किसी प्रकार के दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। समयपूर्व अंतिम निपटान की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है, जबकि पेंशन निकासी की समय सीमा 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दी गई है। इससे सदस्य बिना दीर्घकालिक बचत को नुकसान पहुंचाए अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।


विश्वास योजना और डिजिटल सुविधा

EPFO ने एक नई विश्वास योजना की शुरुआत की है, जिससे पीएफ अंशदान में देरी पर लगने वाला जुर्माना घटाकर 1% प्रतिमाह कर दिया गया है। साथ ही EPS 95 पेंशनभोगियों को अब इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के जरिए अपने घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा दी गई है, जिससे दूरदराज के इलाकों के बुजुर्गों को राहत मिलेगी।


डिजिटल युग में प्रवेश: EPFO 3.0

EPFO ने आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए EPFO 3.0 डिजिटल ढांचा लॉन्च किया है, जिसमें क्लाउड-बेस्ड सिस्टम, मोबाइल ऐप और ऑटोमैटिक क्लेम प्रोसेसिंग शामिल हैं। निवेश प्रबंधन में सुधार के लिए संगठन ने चार नए फंड मैनेजर भी नियुक्त किए हैं ताकि सुरक्षित और बेहतर रिटर्न सुनिश्चित किया जा सके।


श्रम मंत्री का भरोसा

श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि ये सभी कदम EPFO सेवाओं को पारदर्शी, तेज और सुविधाजनक बनाएंगे। इससे लाखों कर्मचारियों को तत्काल वित्तीय सहायता मिल सकेगी और उनकी सेवानिवृत्ति बचत भी सुरक्षित रहेगी।