GST 2.0: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण सुधार

GST 2.0 का महत्व
GST 2.0: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में लागू किए गए GST 2.0 सुधारों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। नई दर संरचना से न केवल खपत में वृद्धि होगी, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह सुधार एक चुनौतीपूर्ण परीक्षा की तरह था, लेकिन टीम वर्क और प्रयासों से इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया। अब असली परीक्षा यह देखने की होगी कि जनता को इससे कितना वास्तविक लाभ मिलता है.
नई दर संरचना का कार्यान्वयन
जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर से नई दर संरचना को लागू कर दिया है, जिसमें 5% और 18% की दो स्तरीय टैक्स व्यवस्था को मंजूरी दी गई है। इस बदलाव से बाजार में पारदर्शिता बढ़ने और उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है.
अगला एजेंडा
वित्त मंत्री सीतारमण का मानना है कि GST 2.0 से खपत में वृद्धि होगी, जिसका सीधा असर उत्पादन, रोजगार और आर्थिक विकास पर पड़ेगा। अब सरकार का अगला ध्यान गैर-वित्तीय नियामकों पर है, जो सुधार की मांग करते हैं.
गैर-वित्तीय क्षेत्र में सुधार
गैर-वित्तीय संस्थानों से जुड़े लाइसेंस, प्रमाणन और अनुमतियों को सरल बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसका उद्देश्य व्यापारिक गतिविधियों में पारदर्शिता और गति लाना है. बजट 2025 में वित्त मंत्री ने एक नियामक सुधार समिति की घोषणा की थी, जो गैर-वित्तीय क्षेत्र के सभी नियमों की समीक्षा करेगी.
राज्यों की भागीदारी
सीतारमण ने कहा कि केवल केंद्र ही नहीं, बल्कि राज्यों की भागीदारी भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होगी। राज्यों को सुधारों का हिस्सा बनाना आवश्यक है ताकि व्यवसाय करने की सुगमता हर स्तर पर सुनिश्चित हो सके. उच्च स्तरीय समिति को अपनी रिपोर्ट एक साल के भीतर देनी है.
सीतारमण का अनुभव
वित्त मंत्री ने कहा कि GST सुधार उनके लिए एक कठिन परीक्षा की तरह रहे। अब जब यह लागू हो गए हैं, तो उन्हें टीम के प्रयासों पर गर्व है। अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ये सुधार आम जनता तक कैसे फायदा पहुंचाते हैं.