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HDFC बैंक के नए नियम: कैश लेन-देन और ऑनलाइन ट्रांसफर पर बढ़े शुल्क

HDFC बैंक ने अपने बचत खाता धारकों के लिए नए नियम लागू किए हैं, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे। इन नियमों के तहत कैश लेन-देन की सीमा और शुल्क में वृद्धि की गई है, जिससे ग्राहकों पर सीधा असर पड़ेगा। अब ग्राहक महीने में केवल 4 बार मुफ्त कैश ट्रांजैक्शन कर सकेंगे, और ऑनलाइन फंड ट्रांसफर पर भी शुल्क बढ़ा दिया गया है। जानें इन बदलावों का विस्तार से।
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HDFC बैंक के नए नियम: कैश लेन-देन और ऑनलाइन ट्रांसफर पर बढ़े शुल्क

HDFC बैंक के नए नियमों की जानकारी

नई दिल्ली: भारत के सबसे बड़े निजी बैंक, HDFC बैंक ने अपने बचत खाता धारकों के लिए कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किए हैं, जो 1 अगस्त 2025 से प्रभावी होंगे। इन परिवर्तनों के अंतर्गत कैश लेन-देन, फंड ट्रांसफर और अन्य बैंकिंग सेवाओं पर शुल्क में वृद्धि की गई है, जिसका सीधा प्रभाव ग्राहकों पर पड़ेगा। बैंक का कहना है कि यह कदम ग्राहकों को डिजिटल लेन-देन की ओर प्रेरित करने के लिए उठाया गया है।


कैश लेन-देन के नियमों में बदलाव


सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन कैश ट्रांजैक्शन की सीमा और शुल्क में किया गया है। अब ग्राहक एक महीने में केवल 4 बार ही मुफ्त कैश ट्रांजैक्शन (जमा या निकासी) कर सकेंगे। 4 मुफ्त ट्रांजैक्शन के बाद हर अतिरिक्त लेन-देन पर 150 रुपए का शुल्क लगेगा। मुफ्त कैश ट्रांजैक्शन की मासिक सीमा 2 लाख रुपए से घटाकर 1 लाख रुपए कर दी गई है। यदि कोई ग्राहक महीने में 1 लाख रुपए से अधिक का कैश लेन-देन करता है, तो उसे 5 रुपए प्रति हजार के हिसाब से शुल्क देना होगा (न्यूनतम शुल्क 150 रुपए रहेगा)। हालांकि, थर्ड-पार्टी ट्रांजैक्शन की 25,000 रुपए की दैनिक सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


NEFT, RTGS और IMPS पर बढ़े शुल्क


बैंक ने ऑनलाइन फंड ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्कों को भी संशोधित किया है:


NEFT शुल्क:


10,000 रुपए तक: 2 रुपए


10,000 से 1 लाख रुपए तक: 4 रुपए


1 लाख से 2 लाख रुपए तक: 14 रुपए


2 लाख रुपए से अधिक: 24 रुपए


RTGS शुल्क:


2 लाख से 5 लाख रुपए तक: 20 रुपए


5 लाख रुपए से अधिक: 45 रुपए


IMPS शुल्क:


1,000 रुपए तक: 2.50 रुपए


1,000 से 1 लाख रुपए तक: 5 रुपए


1 लाख से अधिक: 15 रुपए


अन्य बैंकिंग सेवाओं पर भी बढ़ा बोझ


बैलेंस, इंटरेस्ट या एड्रेस प्रमाणन के लिए अब 100 रुपए (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 90 रुपए) का शुल्क लगेगा। पुराने रिकॉर्ड या भुगतान किए गए चेक की कॉपी के लिए 80 रुपए (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 72 रुपए) का शुल्क लगेगा।


अब एक साल में सिर्फ 10 पन्नों की एक ही चेकबुक मुफ्त मिलेगी। अतिरिक्त चेक लीफ के लिए 4 रुपए प्रति पन्ना शुल्क देना होगा। राहत की बात यह है कि पिन रीजनरेशन को अब पूरी तरह से मुफ्त कर दिया गया है, जिसके लिए पहले 40 रुपए लगते थे।