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IDBI बैंक का प्राइवेटाइजेशन: ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट

IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया में तेजी आई है, जब SEBI ने LIC को सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में मंजूरी दी। इस कदम से बैंक में रणनीतिक बिक्री की राह आसान हो गई है। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और क्या बदलाव आ सकते हैं।
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IDBI बैंक का प्राइवेटाइजेशन: ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट

IDBI बैंक का प्राइवेटाइजेशन तय!

नई दिल्ली: यदि आप IDBI बैंक के ग्राहक हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है! IDBI बैंक के प्राइवेटाइजेशन का मार्ग अब स्पष्ट हो गया है।


भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने 24 अगस्त 2025 को स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने LIC को IDBI बैंक में सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने की अनुमति दे दी है। इससे बैंक में रणनीतिक बिक्री की प्रक्रिया में तेजी आएगी। आइए, इस खबर के सभी पहलुओं पर गौर करते हैं।


प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया में तेजी


निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अरुणेश चावला ने हाल ही में कहा कि IDBI बैंक में हिस्सेदारी की बिक्री इस वित्त वर्ष (2025-26) में पूरी होने की संभावना है। योग्य बोलीदाताओं ने अपनी जांच-पड़ताल लगभग पूरी कर ली है।


सरकार ने इस वित्त वर्ष में 47,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति मुद्रीकरण का लक्ष्य रखा था, जिसमें से पहली तिमाही में ही 20,000 करोड़ रुपये का निवेश जुटा लिया गया है। यह दर्शाता है कि प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।


2022 में हुई थी बिक्री की घोषणा


IDBI बैंक की बिक्री की प्रक्रिया की पहली घोषणा 2022 में की गई थी। इसमें इच्छुक खरीदारों में एमिरेट्स एनबीडी और कनाडाई अरबपति प्रेम वत्स जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।


LIC को पहले IDBI बैंक में प्रमोटर शेयरधारक के रूप में वर्गीकृत किया गया था। यह दर्जा उसे 2019 में बैंक का नियंत्रण लेने के बाद मिला था। लेकिन अब SEBI ने LIC की उस शर्त को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत वह बैंक पर नियंत्रण या बोर्ड में प्रतिनिधित्व नहीं करेगी और उसका वोटिंग अधिकार 10% तक सीमित रहेगा।