ITR फाइलिंग की समय सीमा बढ़ाने की संभावना पर चर्चा

ITR समय सीमा का विस्तार
ITR समय सीमा विस्तार: आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, अब तक 6 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं, लेकिन लाखों लोग अभी भी फाइलिंग में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
पहले की तारीख और वर्तमान स्थिति
इस वर्ष ITR भरने की मूल तिथि 31 जुलाई थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 15 सितंबर कर दिया। इसका कारण अंतरिम बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव और नए ITR फॉर्म्स के जारी होने में देरी थी। अब यह सवाल उठता है कि क्या सरकार एक बार फिर डेडलाइन को बढ़ाएगी? क्योंकि अब तक दाखिल किए गए रिटर्न की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में कम है। 2024 में 31 जुलाई तक 7.6 करोड़ रिटर्न भरे गए थे, जबकि इस बार 13 सितंबर तक केवल 6 करोड़ रिटर्न ही फाइल किए गए हैं।
टैक्स पेशेवरों की चिंताएं
टैक्स प्रोफेशनल्स की बड़ी परेशानी
देशभर की कई टैक्स संगठनों और एसोसिएशनों ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को पत्र लिखकर समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। इनमें कर्नाटक स्टेट चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (KSCAA), ICAI का सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल, और एडवोकेट्स टैक्स बार एसोसिएशन (ATBA) शामिल हैं।
समस्याओं का सामना
इन संगठनों का कहना है कि ITR पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं, यूटिलिटी अपडेट्स में देरी, त्योहारों का मौसम, और कई राज्यों में बाढ़ जैसी परिस्थितियों के कारण लाखों लोग समय पर ITR नहीं भर पा रहे हैं।
24x7 सहायता का दावा
24x7 मदद का दावा
इनकम टैक्स विभाग ने यह दावा किया है कि उनका हेल्पडेस्क 24 घंटे उपलब्ध है। यहां से लोग ITR फाइलिंग, टैक्स भुगतान और अन्य समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, सोशल मीडिया पर टैक्स पेशेवरों का कहना है कि कम समय में गलतियों और पेनल्टी का खतरा बढ़ सकता है।
ITR भरने की आवश्यकता
किन्हें 15 सितंबर तक ITR भरना जरूरी?
- नौकरीपेशा लोग (Salaried Employees)
- पेंशनधारक (Pensioners)
- NRI यानी प्रवासी भारतीय (Non-Resident Indians)
- जिनका अकाउंट ऑडिट के दायरे में नहीं आता।
अन्य श्रेणियों की समय सीमा
बाकी कैटेगरी की टाइमलाइन
- ऑडिट केस: 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट और 31 अक्टूबर तक ITR
- ट्रांसफर प्राइसिंग केस: 30 नवम्बर तक ITR
लेट फाइलिंग का परिणाम
लेट फाइलिंग का नुकसान
यदि आप 15 सितंबर तक ITR नहीं भरते हैं, तो आपको लेट फीस के रूप में ₹5,000 तक का जुर्माना (सेक्शन 234F के तहत) देना होगा। हालांकि, जिनकी आय ₹5 लाख से कम है, उनके लिए पेनल्टी केवल ₹1,000 होगी।