OpenAI और TCS के बीच नई साझेदारी: भारत में AI डेटा सेंटर का निर्माण
OpenAI और TCS की साझेदारी का महत्व
OpenAI, जो दुनिया की सबसे मूल्यवान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों में से एक है, ने भारत की प्रमुख सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। इस समझौते के तहत, भारत में 500 मेगावॉट से अधिक की एआई डेटा सेंटर क्षमता का विकास किया जाएगा, जो OpenAI के स्टारगेट इंडिया चैप्टर की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है.
भारत में AI का बढ़ता उपयोग
भारत, अमेरिका के बाद चैटजीपीटी का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। हाल ही में, रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई, जिसके बाद OpenAI ने टाटा समूह के साथ अपने संवाद को तेज किया है। इस बीच, रिलायंस अब गूगल और मेटा के साथ अपने 1GW कंप्यूट क्लस्टर पर कार्य कर रहा है.
संभावित अनुबंध की विशेषताएँ
OpenAI और TCS के बीच संभावित अनुबंध में हाइपरवॉल्ट डेटा सेंटर के माध्यम से बड़े पैमाने पर लीज मॉडल शामिल है। OpenAI अपनी अगली पीढ़ी के GPT मॉडलों के प्रशिक्षण और संचालन के लिए स्थानीय कंप्यूटिंग शक्ति प्राप्त करेगा। यह साझेदारी BFSI, खुदरा, मैन्युफैक्चरिंग और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में एआई समाधान विकसित करने पर केंद्रित है.
भारतीय आईटी क्षेत्र में परिवर्तन
यह साझेदारी ऐसे समय में आकार ले रही है जब भारतीय आईटी क्षेत्र एआई के कारण पारंपरिक मानव-आधारित सेवा मॉडल में बदलाव का सामना कर रहा है। टीसीएस की रणनीति अब एआई एजेंट्स और नए डिलीवरी मॉडल पर केंद्रित है, जिसके लिए OpenAI जैसी अग्रणी तकनीकी इकाई के साथ सहयोग आवश्यक है.
स्टारगेट प्रोजेक्ट का वैश्विक महत्व
स्टारगेट प्रोजेक्ट को "इतिहास का सबसे बड़ा एआई इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन" माना जा रहा है। UAE, नॉर्वे, UK और अर्जेंटीना में इसकी शुरुआत के बाद, भारत को भी इस वैश्विक एआई नेटवर्क का एक प्रमुख केंद्र बनाने की योजना है.
भारतीय एआई बाजार की प्रतिस्पर्धा
भारतीय एआई बाजार तेजी से प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है। गूगल-रिलायंस और OpenAI-टाटा जैसी साझेदारियां इस क्षेत्र में वर्चस्व की नई दौड़ को दर्शा रही हैं। नैसकॉम-बीसीजी के अनुसार, भारत का AI बाजार 2027 तक 17-22 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
