SBI ने Yes Bank में अपनी हिस्सेदारी बेची, 8,889 करोड़ रुपये जुटाए

SBI की हिस्सेदारी बिक्री का महत्व
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने प्राइवेट सेक्टर के Yes Bank में अपनी 13.18% हिस्सेदारी बेचकर 8,889 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी डील में से एक मानी जा रही है।SBI ने 2020 में Yes Bank को दिवालिया होने से बचाने के लिए RBI के निर्देश पर इसमें निवेश किया था। उस समय, SBI ने अन्य बैंकों के साथ मिलकर Yes Bank को संकट से उबारने का प्रयास किया। RBI ने SBI पर कुछ शर्तें लगाई थीं, जिनमें से एक यह थी कि SBI अपनी हिस्सेदारी को एक निश्चित स्तर से नीचे नहीं ला सकता। अब वह समय-सीमा समाप्त हो चुकी है।
इस बिक्री के परिणाम SBI के लिए लाभकारी हैं। SBI ने न केवल Yes Bank को संकट से उबारा, बल्कि अब अपने निवेश पर अच्छा मुनाफा भी कमाया है। इस राशि का उपयोग SBI अपने अन्य कार्यों को बढ़ाने के लिए कर सकता है।
Yes Bank अब SBI के सीधे नियंत्रण से बाहर हो गया है और स्वतंत्र रूप से कार्य करेगा। हालांकि, SBI की हिस्सेदारी बिकने के बाद भी Yes Bank की स्थिति पहले से अधिक मजबूत है।
इस खबर के बाद दोनों बैंकों के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है, जो भारतीय बैंकिंग प्रणाली की मजबूती को दर्शाता है। यह डील भारतीय बैंकिंग इतिहास में एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में याद की जाएगी।