अंबुजा और एसीसी सीमेंट का 'नेट-ज़ीरो' कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य
अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट ने 2050 तक 'नेट-ज़ीरो' कार्बन उत्सर्जन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह कदम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जानें कि ये कंपनियाँ इस लक्ष्य को कैसे हासिल करने की योजना बना रही हैं, जिसमें हरित ऊर्जा का उपयोग, ऊर्जा दक्षता में सुधार, और कचरा प्रबंधन शामिल हैं। अडाणी समूह की स्थिरता रणनीति के तहत यह कदम उद्योग के लिए एक सकारात्मक मिसाल कायम करेगा।
Jun 20, 2025, 12:42 IST
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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
भारत की प्रमुख सीमेंट कंपनियों, अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। ये दोनों कंपनियाँ, जो अडाणी समूह का हिस्सा हैं, ने 2050 तक 'नेट-ज़ीरो' कार्बन उत्सर्जन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह कदम जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सीमेंट उद्योग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'नेट-ज़ीरो' उत्सर्जन का अर्थ
'नेट-ज़ीरो' उत्सर्जन का तात्पर्य है कि कंपनी जितना कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़ती है, उतना ही वह वातावरण से हटा भी देती है, जिससे कुल उत्सर्जन शून्य हो जाता है। इसे 'कार्बन न्यूट्रल' भी कहा जाता है।लक्ष्य को प्राप्त करने की रणनीतियाँ
अंबुजा और एसीसी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई उपायों पर ध्यान केंद्रित करेंगे:- हरित ऊर्जा का उपयोग: ये कंपनियाँ अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करेंगी और सौर तथा पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों को अपनाएंगी।
- ऊर्जा दक्षता में सुधार: उत्पादन प्रक्रियाओं में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे कम ऊर्जा में अधिक उत्पादन संभव हो सके।
- कचरा प्रबंधन और सर्कुलर इकोनॉमी: औद्योगिक कचरे और उप-उत्पादों का उपयोग सीमेंट उत्पादन में किया जाएगा, जिससे कचरे की मात्रा कम होगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा।
- कार्बन कैप्चर टेक्नोलॉजी: भविष्य में कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके उत्सर्जन को कम करने पर विचार किया जाएगा।
- वनीकरण: पेड़ लगाने और अन्य प्राकृतिक तरीकों से वातावरण से कार्बन को हटाने की परियोजनाओं में भी निवेश किया जाएगा।